बीजेपी और आरएसएस को बसपा से माफ़ी मांगनी चाहिए- मायावती

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 143वीं जयंती पर उनकी नवनिर्मित 182 मीटर ऊंची विशाल प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़ि‍या में अनावरण किया।

इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर वो बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला किया।

पटेल की प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अनावरण किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोगों को बहुजन समाज के लोगो से मांफी मांगनी चाहिए, जो बाबा साहेब के नाम पर बसपा की तरफ से बनाए गए पार्क स्मारक और स्थलों को फिजूलखर्ची बताते थे और इसकी आलोचना करते थे।

बीजेपी सरकार पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी की बसपा सरकार द्वरा लखनऊ और नोएडा में भव्य स्थलों, स्मारकों और पार्कों का निर्माण कराया था, जिसे ये ही लोग फिजूलखर्ची बताकर इसकी जबरदस्त आलोचना करते थे।

मायावती ने कहा कि सरदार पटेल बोल-चाल, रहन-सहन में पूरी तरह से भारतीय संस्कृति की मिसाल थे। लेकिन भव्य प्रतिमा का नामकरण हिंदी या भारतीय संस्कृति के नजदीक होने की बजाए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया। ये अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है और कितनी श्रद्धा है, यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।

उन्होंने कहा पटे विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति और सभ्यता के पोषक थे, लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके सर्मथकों को हमेशा सताती रहेगी।

मायावती ने कहा कि वल्लभ भाई पटेल डॉ भीमराव आंबेडकर की तरह एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे। उनका सम्मान भी था लेकिन बीजेपी व केंद्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया हैह

उन्होंने कहा कि देश की जनता ये भी नहीं समझ पा रही है कि बीजेपी को अगर वाकई सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता, तो गुजरात में अपने शासम के दौरान भव्य प्रतिमाएं क्यों नहीं मनाई।

आपको बता दें कि विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधु बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची इस मूर्ति को बनाने में करीब 2389 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से राज्य के पर्यटन विभाग को बहुत फायदा होगा। इसके बनने से प्रतिदिन करीब 15000 पर्यटक के यहां आने की संभावना है और इससे गुजरात देश का सबसे व्यस्त पर्यटक स्थल बन सकता है।