बुलंदशहर के स्याना तहसील के गांव महाव में सोमवार सुबह गोवंश अवशेष मिलने पर पुलिस, हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों में जमकर टकराव हुआ था। गुस्साए ग्रामीणों ने चिंगरावठी चौकी के पास सड़क पर जाम लगाया।
जिसके बाद स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने जब मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया।
Kapil Sibal, Congress : It's a shocking state of affairs how a mob killed a police officer investigating the Akhlaq case. Who gives these people the authority to take law in their hands? Instead of taking care of his state Yogi is going to Telangana & spewing venom. #Bulandshahr pic.twitter.com/ENUCCe5f2g
— ANI (@ANI) December 4, 2018
गुस्साई भीड़ ने चौकी के बाहर खड़े पुलिस के दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की और सामान को आग लगा दी। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की।
इस पर ग्रामीणों ने सुबोध कुमार पर हमला बोल दिया। घटना में गोली लगने से कोतवाल सुबोध और एक युवक सुमित की मौत हो गई थी।
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इस मामले ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है क्योंकि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। घटना में पुलिस इंस्पेक्टर की मौत ने सियासी रंग ले लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राज्य के मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह एक बेहद चौंकाने वाली घटना है कि कैसे भीड़ ने अखलाख के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी।
किसने इन लोगों को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार दिया? अपने राज्य की देखभाल करने की बजाए योगी तेलंगाना जा रहे हैं और वहां जहर उगल रहे हैं।’
वहीं इस घटना पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए क्योंकि उस क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय नहीं रहता है।
Azam Khan,Samajwadi Party: If it is indeed cattle carcass then Police should also probe as to who brought the carcass there, as there is no minority population in that particular area. #Bulandshahr pic.twitter.com/x3Qq8ByU02
— ANI UP (@ANINewsUP) December 4, 2018
उन्होंने कहा, ‘यदि यह सच में पशु अवशेष का मामला है तो पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि उन अवशेषों को वहां कौन लेकर आया। उस विशिष्ट क्षेत्र में कोई अल्पसंख्यक आबादी नहीं रहती है।’
साभार- ‘अमर उजाला’