बॉबिली बयारेज की तामीर रोकने से इनकार

नई दिल्ली 01 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्रा की तरफ से ज़िला नांदेड़ में गोदावरी के पानी को इस्तेमाल करने बॉबिली बयारेज की तामीर के ख़िलाफ़ आंध्र प्रदेश को कोई राहत देने से इनकार करदिया है । अदालत ने अपने हुक्मनामा में कहा कि अदालत के रूबरू जो हक़ायक़ पेश किए गए हैं उन के मुताबिक़ आंध्र प्रदेश हुकूमत इंजैक्शन आर्डर की इजराई के लिए दरकार मवाद पेश करने में नाकाम रही है इस लिए आंध्र प्रदेश को इस मुआमले में कोई राहत नहीं दी जा सकती ।

जस्टिस आर एम लेवधा जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस ए आर दावे पर मुश्तमिल एक बेंच ने कहा कि मौजूदा हालात की रोशनी में बेंच ने ताहम एक सहि रुकनी निगरान कार कमेटी तशकील दी है जिस में आंध्र प्रदेश-ओ-महाराष्ट्रा के एक एक नुमाइंदे के अलावा मर्कज़ी वाटर कमीशन का एक नुमाइंदा भी शामिल रहेगा ।

मर्कज़ी आबी कमीशन के नुमाइंदे इस कमेटी के सदर नशीन होंगे । कमेटी को ये ज़िम्मेदारी दी गई है कि वो बॉबिली बयारेज के काम की निगरानी करे और इस बात को यक़ीनी बनाए कि महाराष्ट्रा में पानी ज़ख़ीरा करने की सलाहियत 2.74 टी एम सी फीट ही रहे कीवनका रियासत को नए प्राजेक्टस की तामीर के लिए 60 टी एम सी फीट की गुंजाइश ही दी गई है ।

बेंच ने मज़ीद कहा कि ये कमेटी इस बात को भी यक़ीनी बनाएगी कि मानसून सीज़न के दौरान एकुम् जुलाई से 28 अक्टूबर तक इस बयारेज की गेट्स खुली रहीं और इस सीज़न के दौरान पेथान सुदेश्वर और निज़ाम सागर डेमस से भी गोदावरी के पानी के बहाव‌ को रोकने की कोशिश नहीं की जाएगी ताके ये पानी पोचम पाड़ डैम की सिम्त बढ़ सके । कमेटी इस बात को भी यक़ीनी बनाएगी कि गैर मानसून सीज़न के दौरान यानी 29 अक्टूबर से आइन्दा साल जून तक महाराष्ट्रा जो पानी इस्तेमाल करता है वो मुक़र्ररा हद से आगे ना बढ़े ।