भारत कोई धर्मशाला नहीं जहां कोई भी अवैध तरीके से आकर बस जाए- अमित शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के संसाधनों पर भारतीयों का हक है. अवैध आव्रजन को देश के लिए खतरा करार देते हुए शाह ने कहा कि भारत कोई ‘धर्मशाला’ नहीं है जहां अवैध प्रवासी आकर बस जाएं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC ) देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का एक तरीका है और इसे भाजपा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित फोरम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘NRC को सिर्फ भाजपा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. यह देश के बुनियादी मसलों को सुलझाने का तरीका है. यह कैसे मुमकिन है कि कोई आए और यहां बस जाए? देश इस तरह नहीं चल सकता. यहां के नागरिक ही यहां रहने चाहिए और देश के संसाधनों पर उन्हीं का हक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई आकर यहां बस जाए.’’

इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 70 साल से घुसपैठियों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा. वे देश के लिए खतरा हैं जबकि भाजपा देशहित में सख्त फैसले लेने में यकीन करती है. एनआरसी पर एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘‘उनकी (घुसपैठियों की) पहचान होनी चाहिए. मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाने चाहिए. भाजपा का साफ मानना है कि उनकी पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए. घुसपैठिये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं.’’ गौरतलब है कि असम देश का एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है. एनआरसी का पूरा मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था. इसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए जबकि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराने की मोहलत दी गई.

भाजपा अध्यक्ष ने अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से बड़ी जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि “देश की जनता को तय करना है कि उन्हें मजबूर सरकार चाहिए, जिसकी मजबूरी का फायदा उठाकर सब इकठ्ठा बैठकर भ्रष्टाचार कर सके, कोई किसी को कुछ न बोले. या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी मजबूत सरकार चाहिए जो किसी को न छोड़े और देश का विकास करे.’’ महागठबंधन को ढकोसला बताते हुए उन्होंने कहा कि आप ही सोचें कि अगर अखिलेश यादव तेलंगाना में, मायावती आंध्रप्रदेश में, ममता बनर्जी मध्यप्रदेश में, चंद्र बाबू नायडू राजस्थान में चुनाव में उतरते हैं तब चुनाव परिणाम पर क्या गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि उत्तरप्रदेश में अगर सपा और बसपा साथ आते हैं तो कुछ समस्या आएगी.

 

शाह ने कहा कि उत्तरप्रदेश में भाजपा का वोट प्रतिशत पहले 45 प्रतिशत रहा है और सपा एवं बसपा का संयुक्त वोट प्रतिशत करीब 51 प्रतिशत होता है. ऐसे में भाजपा को 6 प्रतिशत के अंतर को पाटना है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रतिबद्धता के साथ इस अंतर को पाटने की तैयारी की है और जिसको साथ आना है, आए. भाजपा अध्यक्ष ने जोर दिया कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पूर्ण बहुमत की भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी.