मंसूख होंगे मांझी के 28 फैसले : वजीरे आला

जीतन राम मांझी कैबिनेट की आखरी तीन-चार बैठकों में लिये गये उन फैसलों को नीतीश कुमार की हुकूमत मंसूख करने जा रही है, जो बिना तजवीज और परपोजल पास कराये लिये गये थे। ऐसे फैसलों की तादाद 28 है। इसके लिए कैबिनेट की होनेवाली आइंदा बैठक में एक खुशसी तजवीज लाया जा रहा है।

जुमा को चीफ़ सेक्रेटरी अंजनी कुमार सिंह की सदारत में तमाम महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी की खास बैठक हुई, जिसमें इससे मुतल्लिक़ अहम पहलुओं पर चर्चा हुई। चीफ़ सेक्रेटरी ने मुतल्लिक़ महकमा को इसको लेकर मुनासिब हिदायत भी दिया है।

मांझी हुकूमत ने 14, 18 और 19 फरवरी को कैबिनेट की मैराथन बैठक करके बड़ी तादाद में शो-मोटो फैसले लिये थे, जिन्हें मंसूख करना नीतीश हुकूमत की पहला काम होगी। ये ऐसे फैसले थे, जिन्हें किसी मुतल्लिक़ महकमा ने तरीके से कैबिनेट में शामिल नहीं किया था, बल्कि मांझी कैबिनेट ने इन पर खुद शो-मोटो लेते हुए पास किया था। 18 और 19 फरवरी को कैबिनेट की खुशसी बैठकों में लिये गये ऐसे फैसलों की तादाद 28 थी, जिनमें कई अहम थे। 18 फरवरी को 13 और 19 फरवरी को 15 फैसले लिये गये थे। इन तमाम फैसलों को मंसूख कर दिया जायेगा। साथ ही दस्तूरुल अमल पास कुछ अहम एजेंडों की फिर से तजवीज होगी। इनमें 14 फरवरी के पहले दो-तीन अहम फैसले शामिल हैं।

मांझी हुकूमत के मंसूख होनेवाले अहम फैसले

– पुलिस मुलाज़िम को 13 माह का तंख्वाह
– होमगार्ड के रोजाना और ट्रेवलिंग अलौएन्स में इजाफा
– सरकारी नौकरियों में ख़वातीन को 35 फीसद रिज़र्वेशन (गैड्जेट ओहदे को छोड़ कर)
– पासवान जाति को महादलित में शामिल करना
– असातिज़ा को तंकवाह के लिए कमेटी की तशकील
– सरकारी स्कूलों में आर्ट और म्यूजिक असातिज़ा के ओहदे की तकर्रुरी
– किसान मुशीर का तंख्वाह बढ़ा कर 7000 करना
– मिड डे मील रसोइये को एक हजार तंख्वाह देने की मरकज़ से सिफ़ारिश
– स्वामी सहजानंद सरस्वती और कपरूरी ठाकुर अदारे की क़याम
– तमाम 46 हजार गांवों में एक-एक साफ-सफाई मुलाज़िम की बहाली
– वजीरे आला इलाक़े के डेवलोपमेंट मनसूबा के तहत रकम दो से तीन करोड़ करना
– महकमा में उर्दू ट्रांलेटर के खाली पड़े ओहदे पर तकर्रुरी
– मदरसों का कंप्यूटरीकरण
– शिया और सुन्नी वफ्फ बोर्ड को खुसुसि ग्रांट
– मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक थाना
– सवर्णो को रिज़र्वेशन देने के लिए कमेटी की तशकील
– तरक़्क़ी दोस्त और टोला सेवक की सर्विस 25 साल करना
– मधुबनी के सौराठ मेले को राजकीय मेले का दर्जा
– सड़क तामीर महकमा में 25 लाख तक के ठेके में बीसी-इबीसी और खातून को रिज़र्वेशन
– बीसी-इबीसी फायनेंस कॉर्पोरेशन की इफ़्तिताह
– एससी-एसटी सफाई मुलाज़िम कमीशन की तशकील
– 301 नये ब्लॉक की मंजूरी
– मनरेगा मुलाज़िम को बाकायदा करने की शुरवात

दोबारा पास कराने होंगे फैसले

महकमा को कहा गया है कि मंसूख होनेवाले मांझी कैबिनेट के फैसलों में अगर किसी फैसले को महकमा अहम मानता है, तो इसे फिर से तरीके से पास कराना होगा। यानी तजवीज को फायनेंस और कानून महकमा से गुजरने के बाद कैबिनेट को सौंप सकता है। इस तरीके से आये एजेंडे पर कैबिनेट गौर करने को तैयार है। इनमें कई ऐसे एजेंडे हैं, जिन्हें फिर से पास कराने के लिए कैबिनेट के पास भेजने की इमकान है। इनमें पुलिस फोर्स को 13 माह का तंख्वाह, साइकिल-पोशाक के लिए 75 फीसद हाजिरी की जरूरत खत्म करना, ठेके में एससी-एसटी को रिज़र्वेशन, पासवान को महादलित में शामिल करना समेत दीगर कुछ फैसले अहम हैं।