मच्छरों से ख़तम मार्च तक ख़तरा बरक़रार

ऊंची इमारतों कुशादा सड़कों की बिना पर कोई कह ले तो कह ले कहां बंजारा हिलज़ कहां पुराना शहर लेकिन मच्छरों की बोहतात और मलेरिया के ख़तरा की जहां तक बात है इस मुआमला में बंजारा हिलज़ और पुराना शहर की बस्तियां यकसाँ हैं । ग्रेटर हैदराबाद म़्यूनिसिपल कारपोरेशन की अर्बन मलेरिया स्कीम ने गुज़शता चंद हफ़्तों के दौरान दर्जा हरारत और मौसमी तब्दीलियों के पेश नज़र अवाम को ख़बरदार किया है कि आइन्दा दो हफ़्तों के दौरान मच्छरों की बोहतात हो सकती है ।

जी एच एम सी के चीफ इनटू मौलू जस्ट रत्ना जोज़िफ ने कहा कि वस्त मार्च तक जब कि गर्मा पूरी तरह शुरू होजाएगा । मच्छरों की बोहतात क़ाबिल लिहाज़ तौर पर कम होजाएगी फिर जुलाई में मच्छरों की अफ़्ज़ाइश बढ़ जाएगी जब कि मानसून पूरी तरह शुरू होजाएगा । उस वक़्त मच्छरों की बोहतात आइन्दा माह के ख़तम तक बढ़ती रहेगी । उन्हों ने अंदेशा ज़ाहिर किया कि बंजारा हिलज़ , पंजा गट्टा जैसे इलाक़ों को कोकट पली और गच्ची बाउली जैसे इलाक़ों से कहीं ज़्यादा मच्छरों से लाहक़ होने वाली बीमारियों का ख़तरा है ।

इन इलाक़ों में घरों में किये हुए पानी के ज़ख़ीरा की सफ़ाई सुथराई पर तवज्जा ज़रूरी है शहरी गंदा बस्तियों और शहरी मकानात के बाग़ात में भी सफ़ाई सुथराई की शदीद ज़रूरत है क्यों कि यही मुक़ामात मच्छरों की अफ़्ज़ाइश के मर्कज़ हैं । 2009 से डेंगू बुख़ार और मलेरिया के ज़्यादा केसेस सर्कल सात आठ और 9 से ही ताल्लुक़ रखते हैं ।

बलदी हुक्कामका कहना है कि महज़ धुआँ छोड़ने से मच्छर ख़तम नहीं होरहे हैं इस लिए हालिया महीनों में फॉगिंग का तरीका कम किया गया है अब मच्छरों के ख़ातमा के लिए दूसरे तरीका इख़तियार किए जा रहे हैं । बलदी ओहदेदार ने कहा कि मच्छरों को ख़तम करने के लिए पानी में कैमीकल इस्तिमाल नहीं किए जा सकते क्यों कि एसा करने से मछलियों की अफ़्ज़ाइश पर बुरा असर पड़ेगा ।

बलदी ओहदेदार ने अवाम को मश्वरा दिया है कि वो घरों के अंदर और बाहर माहौल को साफ़ सुथरा रखें । गुज़शता दो माह में शहर में डेंगू के सात केसेस की इत्तिला है इन में चार केसेस का ताल्लुक़ सिकंदराबाद सर्कल से है ।।