मजहबे इस्लाम बराबरी का दर्स देता है : मौलना फ़ारूक

पटना : अल्लाह के रास्ते में माल खर्च करके देखो, तुम को इस कदर बरकत मिलेगी के तुम गुमान भी नहीं कर सकते। नमाज़ का एहतेमाम करो, इस्लाम बराबरी का दर्स देता है। अल्लाह के वाली जिनहोने दुनिया में अल्लाह और उसके रसूल की आताअत करके अपनी ज़िंदगी को उनके लिए सर्फ कर दिया और सारी ज़िंदगी इबादत व रियाजत करते रहे, तब जाकर उस मुकाम पर फ़ायज हुए। ये बातें अल्लामा मौलाना मोहम्मद फ़ारूक रिजवी अलकादरी, खतीब व इमाम जमा मस्जिद दरगाह गाउस बंगला, रानी गंज ने कहीं। वो सैयद अहमद सईद अबुलखैर गुलाम शाह नक़्शबंदी के 66 वें सालाना उर्स के मौके पर मिलाद नबी से खिताब कर रहे थे। इस से कबल तकरीब का आगाज 16 सफर को बाद नमाज़ जोहर कुरान ख्वानी से हुआ। इस के बाद दोनों दरबार में चादर पोशी व कुल सजादा नशीन, बाद नमाज़ असर मिलादुन्नाबी का एहतेमाम हुआ। उर्स के एहतेमाम में शिकारपुर के सहजादा नशीं सैयद शाह अरब ने अहम रोल अदा दिया। इस मौके पर काफी तादाद में अक़ीदतमंदों ने शिरकत की। उनमें हाफ़िज़ सद्दाम हुसैन, मोहम्मद ज़फ़ीरुद्दीन, मासूम एमादी, मोहम्मद अमीन, मोहम्मद सहबुद्दीन वगैरह शामिल थे।