मणिपुर में फिर बिहारी तालिबे इल्म पर हमला,दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

एनआइटी, मणिपुर में बिहार और दीगर हिंदी ज़ुबान रियासतों के तालिबे इल्म की पिटाई की वारदात थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सनीचर और एतवार को एक बार फिर वहां के मुक़ामी तालिबे इल्म ने मिल कर बिहार के तालिबे इल्म की पिटाई की। इसमें पटना, सीवान, गोपालगंज के तालिबे इल्म जख्मी हुए हैं। दो की हालत संगीन है। यह जानकारी एनआइटी के तालिबे इल्म ने फोन पर दी। तालिबे इल्म ने बिहार के दाख्ला सेक्रेटरी से फोन पर बात कर हिफाजत की गुहार लगायी है। तालिबे इल्म ने जख्मियों के नाम नहीं छापने की बात कही है। उनका कहना था कि नाम छपने पर कॉलेज इंतेजामिया ज्यादा दिक्कत करता है।

टीवी के वायर खराब होने पर तनाज़ा : जानकारी के मुताबिक, हॉस्टल में टीवी का वायर खराब होने पर तनाज़ा शुरू हुआ। मुक़ामी तालिबे इल्म ने बिहारी तालिबे इल्म पर वायर खराब करने का इल्ज़ाम लगाया और सनीचर को उन पर हमला कर दिया। जबकि टीवी का वायर कैसे खराब हुआ, यह कोई नहीं जनता है। तालिबे इल्म ने जानकारी दी कि साफ सूत्र खाना और हॉस्टल की साफ-सफाई की मांग करने पर बिहार व दीगर रियासतों के तालिबे इल्म पहले से ही कॉलेज इंतेजामिया और मुक़ामी तालिबे इल्म के निशाने पर थे।

गुजिशता बार खाना को लेकर हुई थी मारपीट

अगस्त, 2013 में भी बिहारी तालिबे इल्म के साथ मुक़ामी तालिबे इल्म ने मारपीट की थी। 25 अगस्त, 2013 की रात करीब साढ़े आठ बजे बिहार के कुछ तालिबे इल्म मेस में खाना खा रहे थे। इसी दौरान उनकी मणिपुर के एक तालिबे इल्म से खाने को लेकर बहस हो गयी। इसके बाद एनआइटी के डीन केएच मंगलेयम का बेटा सनाद 20 तालिबे इल्म के साथ वहां पहुंचा और आशुतोष (मनेर) और असद (बिहार) के साथ मारपीट की।

क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा

तालिबे इल्म ने बताया कि इस वाकिया के बाद माहौल काफी खराब है। कोई इस तरफ जेहन नहीं दे रहा, जबकि बराबर बिहार, यूपी, झारखंड, दिल्ली और दीगर हिंदी ज़ुबान के रियासत के तालिबे इल्म के साथ मारपीट होता रहता है, लेकिन कॉलेज इंतेजामिया इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। 27 अगस्त, 2013 को मरकज़ी इंसानी वसायल तरक़्क़ी वुजरा और बिहार के दाख्ला सेक्रेटरी को इ-मेल किया गया था, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। जब 13 सितंबर, 2013 को एक अखबार में खबर छपी तब बिहार के मौजूदा डीजीपी अभयानंद ने मणिपुर के डीजीपी एमके दास से बात कर पुलिस चौकी की इंतेजाम कॉलेज कैंपस के पास की थी। कॉलेज इंतेजामिया हमेशा तनाज़ा के लिए हमें ही जिम्मेवार मान रहा है। क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा।