मर्कज़ी वज़ीर और कांग्रेस लीडर के ख़िलाफ़ हतक-ए-इज़्ज़त केस

नई दिल्ली

अदालत के बाहर समझौता कर लेने फ़रीक़ैन को मश्वरा

दिल्ली की एक अदालत ने आज मर्कज़ी वज़ीर फ़रोग़ इंसानी वसाइल स्मृति ईरानी और कांग्रेस लीडर संजय नरोपम को मश्वरा दिया कि वो एक दूसरे के ख़िलाफ़ दायर हतक-ए-इज़्ज़त मुक़द्दमे पर मुफ़ाहमत या समझौता करलें। मेट्रो मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने दोनों फ़रीक़ैन के वुकला से कहा कि ये मामला एक दूसरे के ख़िलाफ़ शिकायत का है और काबुल गिरिफ़त है।

दोनों (ईरानी और नरोपम) को चाहिए कि अदालत के बाहर मुफ़ाहमत या समझौता करले। नरोपम के वकील ने अदालत को मतला किया कि वो मुफ़ाहमत के लिए आमादा हैं लेकिन ईरानी तैयार नहीं हैं। बादअज़ां अदालत ने मुक़द्दमात की समाअत की आइन्दा तारीख़ एक‌ अगसट मुक़र्रर की है।

साबिक़ कांग्रेस एम पी नरोपम ने स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ हतक-ए-इज़्ज़त का केस दायर किया था जिस में उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि 20 दिसम्बर 2012 को गुजरात असेम्बली इंतेख़ाबात के नताइज के एलान के दिन बी जे पी लीडर ने एक टी वी मुबाहिस के दौरान उन के ख़िलाफ़ क़ाबिल एतराज़ तबसरे किए थे, जिस पर ईरानी ने भी इसी मुबाहिस में ग़ैर शाइस्ता रिमार्कस के इल्ज़ाम में कांग्रेस लीडर के ख़िलाफ़ केस दायर किया है।