‘मस्जिद और चर्च को फ्री बिजली तो मंदिरों को क्यों नहीं?’- अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार (2 दिसंबर) को आरोप लगाया कि तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने जल्द चुनाव कराके राज्य पर करोड़ रुपये का बोझ डाला है। महबूबनगर जिले के नारायणपेट में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी आरोप लगाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कांग्रेस, दोनों ही अल्पसंख्यकों का ‘तुष्टिकरण’ करने में यकीन रखते हैं। एआईएमआईएम के अकबरूदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि इस दक्षिणी राज्य में कोई भी मुख्यमंत्री बने, उसे उनकी पार्टी के आगे झुकना पड़ेगा।

भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ तेलंगाना, अगर अगले साल मई में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराता तो यह कई सौ करोड़ रुपये की बचत करता। राव ने चुनाव खर्च के तौर पर राज्य पर करोड़ो रुपये का बोझ डाला है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राव को मई में अपनी जीत का संशय था। उन्हें (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी की लहर का डर था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में मस्जिदों और गिरिजाघरों को ‘निशुल्क’ बिजली देने का वायदा किया है लेकिन मंदिरों के लिए वायदा नहीं किया। बता दें कि तेलंगाना में सात दिसंबर को चुनाव होना है।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति के तौर पर विपक्षी पार्टी ने तेलंगाना में सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक छात्रों को 20 लाख रुपये की शैक्षिक सहायता देना का वायदा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस ने (अपने चुनाव घोषणा पत्र) में सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की भी बात की है। इसने अल्पसंख्यकों के लिए अलग अस्पतालों के बारे में भी बात की है। मैं (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध नहीं रखने वाले गरीब लोगों का क्या होगा?’’ शाह ने दोहराया कि भगवा दल धर्म आधारित आरक्षण के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ‘‘ तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने मुसलमानों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया है। भाजपा और उसका काडर यह सुनिश्चित करेगा कि धर्म आधारित आरक्षण तेलंगाना में लागू नहीं हो।’’ असदुद्दीन ओवैसी नीत आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और टीआरएस पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा किया कि ओवैसी भाइयों के घर के कारण राव सरकार ने 17 सितंबर को राज्य का मुक्ति दिवस नहीं मनाया और संकल्प लिया कि तेलंगाना में भाजपा के सत्ता में आने पर धूमधाम से हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ अकबरूद्दीन ने कहा कि तेलंगाना का जो भी मुख्यमंत्री बने, उसे मजलिस (एआईएमआईएम) के चरणों में अपना सिर रखना चाहिए।’’ कलवाकुरति में एक अन्य जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि टीआरएस के साढ़े चार साल के शासनकाल में तेलंगाना में 4,500 किसानों ने खुदकुशी की। उन्होंने आरोप लगाया कि खुद को किसानों का मसीहा होने का दावा करने वाले राव ने अपनी उपज के लिए समर्थन मूल्य की मांग करने पर किसानों के हाथों में हथकड़ियां लगवा दीं। गौर हो कि तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है और नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।