मालदीप और हिंदूस्तान में सिफ़ारती तनाज़ा

हिंदूस्तान ने मालदीप के सदर के एक कलीदी बाएतिमाद क़रीबी साथी के इस तबसरा के बाद कि मालदीप में 51 करोड़ 40 लाख अमेरीकी डालर मालियती एर पोर्ट प्रोजेक्ट हिंदूस्तानी कंपनी जी एम आर को दिया है, जिस की वजह से हकूमत-ए-हिन्द इस कंपनी को सयासी इंतिख़ाब का निशाना बना रही है।

हकूमत-ए-हिन्द ने इस बयान पर हुकूमत मालदीप से माज़रत ख़्वाही का मांग‌ किया था क्योंकि सदर मालदीप के क़रीबी बाएतिमाद साथी अब्बास आदिल रज़ा ने ये बयान एक पर हुजूम जलसे में दिया था। सदर मालदीप मुहम्मद वहीद ने हिंदूस्तानी हाई कमिशनर से कहा था कि वो इस ग़लती की स्लाह के इक़दामात करेंगे।

सरकारी ज़राए के बमूजब जुमे की रात जल्सा-ए-आम में रज़ा ने हिंदूस्तानी सफ़ीर धयानीशोर को ग़द्दार और मालदीप का दुश्मन भी क़रार दिया था। हकूमत-ए-हिन्द ने हुकूमत मालदीप के नाम अपने खत‌ में कहा कि सिफ़ारतकार का काम अपने मुल्क और लोगो केलिए काम करना है किसी ख़ानगी कंपनी के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ करना नहीं है। सदर मालदीप के क़रीबी साथी का उस नौईयत का इल्ज़ाम सिफ़ारती आदाब की ख़िलाफ़वरज़ी है।