मालीयाती पालिसी बनाने में कोताही तबाहकुन होगी परनब मुकर्जी

वाशिंगटन 26 सितंबर (पी टी आई) वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने तरक़्क़ी याफ़ता मुआशी तौर पर मुस्तहकम मुल्कों से कहा कि वो मालीयाती पालिसी साज़ी में कोताहियों को दूर करें और सयासी लालच को ख़तम करते हुए पालिसी बनाए वर्ना इस से तबाहकुन और संगीन नताइज बरामद होंगे। तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक भी इस तरह की पालिसीयों से मुतास्सिर होंगी। मग़रिबी ममालिक की फ़ैसला साज़ी पर आने वाला हर्फ़ नुक़्सानदेह होगा। बैन-उल-अक़वामी मालीयाती फ़ंड हेडक्वार्टर्स पर नाशसते के सैशन के दौरान पालिसी चैलेंजस पर मुज़ाकरात के इजलास से ख़िताब करते हुए वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने कहा कि तरक़्क़ी याफ़ता मईशतों फ़िलफ़ौर जिन चैलेंजस का सामना है उन्हें ग़ैर यक़ीनी पालिसी और सयासी अदम कारकर्दगी वाले रवैय्या को दूर करने की ज़रूरत है। वक़्त का तक़ाज़ा है कि क़र्ज़ के बोहरान को दूर करने के लिए फ़ैसलाकुन और मूसिर कार्रवाई की जाए। बोहरान से दो-चार मुल्कों को राहत पहुंचाने के लिए मज़बूत और सरगर्म मालीयाती हिमायत की वकालत करते हुए उन्हों ने कहा कि मालीयाती शोबा को बेहतर बनाने की ज़रूरत है और अंदरून-ए-मुल्क मार्किट का अहया भी किया जाना चाआई। मुकर्जी ने कहा कि वस्त मीयादी मालीयाती उमूर के दरमयान दरुस्त तवाज़ुन को एहमीयत दी जाय जो इन दिनों नागुज़ीर बन गया है। फ़ौरी इक़दामात के बगै़र पैदावार के शोबा में तरक़्क़ी मुम्किन नहीं। रोज़गार पैदा करने के लिए तवज्जा मर्कूज़ करते हुए मालीयाती हिक्मत-ए-अमली को अज़सर-ए-नौ मुरत्तिब करना ज़रूरी है। इन्फ़िरा स्ट्रकचर के फ़रोग़ में सरमाया कारी पर ज़ोर देते हुए उन्हों ने कहा कि तिजारत को इस ढंग से अंजाम दिया जाना चाहीए कि जिस के लिए की जाने वाली सरमाया कारी की मदद से रोज़गार के मवाक़े पैदा हूँ। परनब मुकर्जी ने कहा कि आलमी बैंक को अपने सरमाया की बुनियादी जरूरतों को बेहतर बनाना होगा और ये तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक को दी जाने वाली इमदाद में इज़ाफ़ा करसकता है। उन्हों ने आलमी सतह पर एक और रौनुमा होने वाले बोहरान की जानिब तवज्जा दिलाते हुए ख़ासकर ख़ानगयाने की सरगर्मीयों के बारे में उन्हों ने कहा कि आलमी बैंक को मालीयाती गुंजाइश की कमी वाले शोबों पर ख़ुसूसी ध्यान देने की ज़रूरत ही। इस के साथ साथ बैन-उल-अक़वामी मालीयाती तआवुन पर भी तवज्जा दी जाए। उन्होने कहा कि ग़ुर्बत के ख़ातमा के लिए आलमी बैंक को अहम और नाज़ुक इलाक़ों पर तवज्जा देनी होगी। ग़िज़ाई क़ीमतों में इज़ाफ़ा माहौलियाती तबदीली के लिए फ़ीनानस ग़रीबों पर मतलूब तवानाई की तकमील पर भी तवज्जा देना चाहिये। परनब मुकर्जी वर्ल्ड बैंक डीवलपमनट कमेटी के इजलास के दौरान तक़रीर कररहे थे तो उन्हों ने कहा कि इंटरनैशनल डीवलपमनट एसोसी उष्ण के लिए दरुस्त इक़दामात करने की ज़रूरत ही। ग़रीबों की तरक़्क़ी के लिए अव्वलीन तर्जीह दी जाने चाहीए जहां कहीं भी ग़रीब अफ़राद हैं उन की मदद करना आलमी बैंक की ज़िम्मेदारी ही। मुतवस्सित आमदनी वाले ममालिक की जरूरतों को पूरा करने के लिए आलमी बैंक को आगे आना होगा।