मासूमों को दहश्तगर्द कहा जा रहा है याक़ूब

मुंबई 31 जुलाई:याक़ूब मैमन ने जिन्हें सज़ाए मौत देदी गई 2006 में 12 सितंबर को टाडा अदालत की तरफ से ख़ाती क़रार दिए जाने पर ब्रहम रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए कहा था कि मासूम अफ़राद को यहां दहश्तगर्द क़रार दिया जा रहा है।

फ़ैसला सुनने के बाद याक़ूब ने कहा था कि हम सज़ा का ताय्युन करने मुबाहिस के लिए वुकला की ख़िदमात हासिल करना नहीं चाहते। 13 साल गुज़र गए और मासूमों को दहश्तगर्द कहा जा रहा है।

याक़ूब ने कहा था कि हम को पहले ही दहश्तगर्द क़रार देदिया गया है और हमें नताइज का सामना करना है। याक़ूब को उनके भाईयों इसी और यूसुफ़ के साथ सज़ा सुनाई गई थी।

याक़ूब पेशे से चार्टर्ड एकाऊंटेंट थे और उसे हमेशा दूसरे मुल्ज़िमीन से अलाहिदा रखा गया था। ताहम वो फ़ैसले के दिन ब्रहम होगया था और कहा था कि वो बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। फ़ैसले से पहले एक मर्तबा याक़ूब ने टाडा जज के पीछे जाते हुए कहा था कि टाइगर मुझ से ये दरुस्त कहा करता था कि मुझे अपने अफ़रादे ख़ानदान के साथ हिंदुस्तान नहिं जाना चाहीए।