मुम्बई: कांग्रेस के पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी के घर- अॉफिस पर ED का छापा

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कथित धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी और बिल्डर रफीक मकबूल कुरैशी के कार्यालयों तथा आवासों पर छापेमारी की है।

ईडी ने आधा दर्जन जगहों पर यह छापेमारी बांद्रा के जमात-ए-जम्हूरिया मलिन बस्ती पुनर्वास परियोजना में 108 करोड़ रुपए के धनशोधन के मामले की जांच के तहत साल 2012 में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर की है।

ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सिद्दीकी और कुरैशी के खिलाफ अलग से एक मामला दर्ज किया है और अधिक सबूत जुटाने के मकसद से छापेमारी को अंजाम दिया है।

फिलहाल ईडी कुरैशी की कंपनी पिरामिड डेवलपर्स और अन्य संदिग्ध फर्जी कंपनियों की जांच कर रही है, जिसका इस्तेमाल मलिन बस्ती परियोजना से उस समय धनराशि को निकालने के लिए किया गया हो सकता है। जब सिद्दीकी महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे।

आरोप है कि परियोजना में कुछ झुग्गिवासियों ने मलिन बस्ती पुनर्वास परियोजना में एक से अधिक कमरे पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जिसके लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स को मंजूरी दी गई। इस प्रकार बने अतिरिक्त फ्लैट खुले बाजार में भारी रकम में बेचे गए और डेवलपर्स ने खूब मुनाफा कमाया है।

कांग्रेस ने इन छापेमारियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की नाकामी से लोगों का ध्यान बंटाने तथा विपक्ष को डराने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की गई कार्रवाई की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य पुलिस सिद्दीकी तथा 157 अन्य के खिलाफ जांच कर चुकी है, लेकिन कुछ भी सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को ईडी या सीबीआई के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। सरकार विपक्ष की छवि धूमिल करने तथा उसकी अवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।

हम इससे पीछे नहीं हटेंगे और अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे। गौरतलब है कि कारोबारी से राजनीतिज्ञ बने सिद्दीकी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और पूर्व निगम पार्षद, बांद्रा से तीन बार विधायक तथा राज्य मंत्री रह चुके हैं।