मुसलमानों के साथ इन्साफ भी अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं

हैदराबाद 24 जनवरी: अल्पसंख्यक आयोग के ज़रये मुसलमानों और अन्य कमजोर तबक़ात के मसाइल के सिलसिले में की जा रही कोशिश को लेकर आखिरकार अधिकारियों को खटकने लगी और उन्होंने रातों रात अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय को जबरन खाली करा दिया।

सोमजिगुड़ा में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय इरम मंजिल में दो कमरों पर मुश्तमिल एक क्वार्टर में मुंतक़िल कर दिया गया और इस के लिए अधिकारियों ने शनिवार और रविवार का चुनाव किया ताकि किसी तरफ से मुख़ालिफ़त ना हो। जिस तरह मजलिस बलदिया की तरफ से ग़ैर मजाज़ क़ाबज़ीन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाती है, ठीक उसी तरह सरकार के अधिकारियों के इशारे पर अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए सामान को ले जाया गया।

सदर राज्य अल्पसंख्यक आयोग आबिद रसूल खान ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कार्यालय की मुंतकली के सिलसिले में अधिकारियों के रवैये की तफ़सीलात बयान की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अल्पसंख्यकों की तरक़्क़ी के सिलसिले में संजीदा हैं और मुख़्तलिफ़ ऐलानात कर रहे हैं लेकिन उनके अधिकारियों को यह बात पसंद नहीं कि अल्पसंख्यक आयोग मुसलमानों और अन्य तबक़ात के समस्याओं की यकसूई के लिए जद्द-ओ-जहद करे।

वह तेलंगाना में अल्पसंख्यक आयोग के वजूद को बर्दाश्त करने तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि एक मन्सूबा बंद साज़िश के तहत अल्पसंख्यक कल्याण, जीएडी, हाउसिंग और अन्य मुताल्लिक़ा मह्कमाजात के अधिकारियों ने आयोग के दफ़्तर को मुंतक़िल करते हुए मुख़ालिफ़ अक़ल्लीयत ज़हनीयत का सबूत दिया है।

उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने से वह किसी तनख़्वाह के बिना अल्पसंख्यकों की सेवा के जज़बा के तहत काम कर रहे हैं और वे हाईकोर्ट की हिदायत पर बरक़रार हैं ताकि अल्पसंख्यक आयोग के ज़रीये मसाइल की यकसूई का सिलसिला जारी रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की के आयोग की बरख़ास्तगी की साजिश करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने बताया कि 17 जनवरी को राज्य अधिकारी की ओर से नोटिस दिया गया और 10 दिन में तख़लिया की मोहलत दी गई। इस की मोहलत 27 जनवरी तक बरकरार थी, इसके बावजूद सदर आयोग को इत्तेला किए बिना रातों रात ग़ैर समाजी अनासिर के ख़िलाफ़ की जाने वाली कार्रवाई की तरह एक अल्पसंख्यक संस्था को मुंतक़िल कर दिया गया।