मुसलमानों पर चीन का अत्याचार जारी, रमजान में जबरन खाने-पीने के लिए कर रहा मजबूर

जहां एक तरफ चीन रमजान के पवित्र महीने में मुस्लमानों को जबरन खाने-पीने के लिए मजबूर कर रहा है, वहीं मुस्लिम देशों ने इस अत्याचार और बदसलूकी पर चुप्पी साधी हुई है। इसका खुलासा वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में किया गया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के जिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों की ओर से चलाए जा रहे रेस्तरां को जबरन खुलवाया जा रहा है और उइगर कामगारों को जबरन खाने और पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

इस रिपोर्ट में म्यूनिख आधारित वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के प्रेसिडेंट डोलकुन इसा ने इसे मुस्लिमों के लिए चिंताजनक और समुदाय की गरिमा के खिलाफ बताया है। हमारे समुदाय के लोगों को रमजान के पाक महीने में दिन में खाना खाने पर मजबूर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया है कि चीन के जिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों की ओर से चलाए जा रहे रेस्तरां को जबरन खुलवाया जा रहा है। और उइगर कामगारों को जबरन खाने और पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

वहीं इस पूरे कृत्य की जानकारी होने के बाद भी मुस्लिम देशों ने चुप्पी साध रखी है। मुस्लिम देश इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखने से बच रहे हैं। मुस्लिम देश इस मामले पर इसलिए नहीं बोल रहे हैं क्योंकि चीन भारी मात्रा में तेल का निर्यात करता है। तो ऐसे में मुस्लिम देश किसी भी सूरत में चीन को नाराज नहीं करना चाहेंगे। सऊदी अरब चीन को अपना तेल भारी मात्रा में बेचता है। सऊदी के किंग मुसलमानों के दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन भी हैं जो की मध्य पूर्व में एक अगहम रोल अदा कर रहा है।

इस महीने हुई बातचीत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सऊदी के किंग सलमान से फोन पर भी बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि सऊदी चीन के साथ अपने संबंधों को और बेहतर करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।