मॉनसून करीब, नालों की सफाई अधूरी

पटना 31 मई : इस मॉनसून भी दारुल हुमुमत रिहायसियों को बजबजाते नाले और पानी जमाव से निजात नहीं मिलने की इमकान नहीं दिख रही है। म्युन्सिपल कॉर्पोरेशन इंतेजामिया ने 15 मई तक शहर के तमाम नालों की सफाई मुकम्मिल करने का हदफ़ मुक़र्रर किया था, लेकिन वक़्त की मियाद खत्म होने के बाद भी बाकरगंज, सैदपुर जैसे बड़े नालों की सफाई नहीं हो सकी है।

जिन नालों की सफाई मुक़म्मिल हुई है, उनमें सतह से गाद निकालने के बजाय ऊपर-ऊपर ही सफाई कर दी गयी है। पटेल नगर और सरपेंटाइन रोड नाले से निकाला गया कचरा कई जगह सड़क पर खुले में ही छोड़ दिया गया है, जो बारिश होने पर फिर से नाले में चला जायेगा।

सर्विस नालों पर नजर नहीं

शहर में बड़ी तादाद में सर्विस नाले हैं, जिन पर अफसरों की नजर नहीं गयी। हर मुहल्ले में ऐसे चार से पांच सर्विस नालों की सालो से सफाई नहीं हुई है। चिरैयाटांड़ में बैद्यनाथ भवन के सामने सर्विस नाला इसका मिसाल है, जिसकी सफाई नहीं होने से उसमें बड़े-बड़े पेड़ उग आये हैं। इसके सबब दूसरे छोटे नालों पर अज़ाफी बोझ बढ़ गया है।

30 फीसद सफाई अब भी बाकी

हालांकि, कॉर्पोरेशन के अफसर दावा कर रहे हैं कि 70 फीसद बड़े व मीडियम नालों की सफाई पूरी कर ली गयी है। लेकिन, 30 फीसद नालों की सफाई का काम अब भी बाकी है। उनका कहना है कि मजदूरों और आलात की कमी के चलते काम रुकावट हुआ। 15 जून तक सफाई पूरी कर ली जायेगी। ज्यादतर वार्डो में रोजाना मजदूरों की तादाद बढ़ायी गयी है। हर वार्ड में 10 से 15 अज़ाफी मजदूर लगा कर सफाई करायी जा रही है। खास कर बड़े और मीडियम नालों की सफाई में 100 से ज्यादा मजदूर लगाये गये हैं।