मोदी सरकार मस्जिद और मदरसों के ज़रिए कश्मीरी मुसलमानों को परेशान करना चाहती है

श्रीनगर: जमीयत अहले हदीस जम्मू-कश्मीर ने कहा है कि मस्जिद और मदरसों से संबंधित गृह मंत्रालय की योजना इस्लामी राज्य को परेशान करने के मनसूबे का संकेत देती है. यह बात बहुत ही चिंताजनक है. गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति के बारे में तैयार की गई एक समीक्षा रिपोर्ट में मस्जिदों और मदरसों को नियंत्रित करने के लिए सुझाव दिया है. जमीयत अहले हदीस के एक प्रवक्ता ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इससे पहले भी यह इस्लामी केंद्र पर होते रहे हैं लेकिन अब इसे प्रचारित कर के मुसलमानों को अधिक मानसिक पीड़ा और चिन्ता में डाला जा रहा है.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

प्रदेश 18 के अनुसार, जमीअत ने अपने बयान में कहा है कि इस्लाम एक जीवन प्रदान करने वाला, भाईचारा कायम करने वाला, मुहब्बत का पैगाम और सारी दुनिया के लिए एकसमान न्याय व्यवस्था कायम करने वाला धर्म है. तारीख की आँखों ने इस्लामी शिक्षा के आधार पर ऐसे समाज का निर्माण देख लिया है जहाँ जान के दुश्मन को भी अमान दिए गए और अपने पराय में किसी भेद भाव के बिना न्याय को सुनिश्चित बनाया गया.

जमीयत अहले हदीस के बयान में गृह मंत्रालय की इस योजना पर क्रियान्वयन से बचने की अपील की गई है और इस बात को स्पष्ट किया गया है कि मस्जिद और मदरसे ही शांति के केंद्र हैं. बयान में कहा गया है ‘यहां से दुनिया को अमन, सकून, एकजुटता, परोपकार और न्याय का संदेश दिया जाता है और उनके आसपास संदेह का शिकंजा कसना किसी तरह सही कदम नहीं है. इस तरह के कदम लोगों में असंतोष को बढ़ावा देंगे, जो किसी भी तरह किसी के फायदे में नहीं.