यकसाँ सिविल कोड से मज़हबी आज़ादी को ख़तरा

गुलबर्गा 16 अक्टुबर: कर्नाटक उर्दू एक्काडमी की चैर पर्सन डॉ फौज़िया चौधरी ने इंडियन यूनीयन मुस्लिम लीग की दस्तख़ती मुहिम की याददाश्त पर दस्तख़त कीं।वो गुलबर्गा में उर्दू राइटर्स फोरम के जलसा एतेराफ़ ख़िदमात में शिरकत के लिए गुलबर्गा का दौरे पर थीं ।दस्तख़ती मुहिम से जुड़ने वाली अहम शख़्सयात में प्रोफेसर डॉ अबदुल हमीद अकबर सदर शोबा उर्दू-ओ-फ़ारसी गुलबर्गा यूनीवर्सिटी गुलबर्गा, अमजद जाविद सदर उर्दू राइटर्स फ़ोरम , हाज़रीन जलसा ने दस्तूरे हिंद की दफ़ा(4) को हज़फ़ करने से मुताल्लिक़ याददाश्त पर दस्तख़तें क़लम-बंद कीं।

इस जलसे में इंडियन यूनीयन मुस्लिम लीग की तरफ से रियासती सेक्रेटरी मौलाना मुहम्मद नूह ने शिरकत करते हुए दस्तख़ती मुहिम चलाई ,दस्तूरे हिंद की दफ़ा 4 में मुल्क के लिए यकसाँ सिविल कोड के नफ़ाज़ का अज़म ज़ाहिर किया गया है।

इस दफ़ा की बरक़रारी से मुल्क के सेक्युलर ढांचा और मज़हबी आज़ादी को ख़तरा लाहक़ है। दफ़ा4 के हवाले से कोई भी हुकूमत यकसाँ सिविल कोड के नफ़ाज़ के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ समेत सभी मज़ाहिब के हाइल क़ानून में मदाख़िलत कर सकती है।

वाज़िह होके सुप्रीमकोर्ट ने मर्कज़ी हुकूमत से पूछा हैके क्या हुकूमत मुल्क में यकसाँ सिविल कोड लाना चाहती है ?। मुस्लिम लीग ने शहर-ओ-ताल्लुक़ाजात के मसाजिद के आइमा-ओ‍-ख़ुतिबा-ए-ओ- कमेटी , मिली तनज़ीमों से गुज़ारिश की हैके अपने अपने मसाजिद में एलान करते हुए दस्तख़ती मुहिम में हिस्सा लें।