उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एचआईवी संक्रमण का एक भयावह और बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. गाजियाबाद के डासना जेल के 27 कैदी एचआईवी से संक्रमित पाए गये हैं. इस खबर के बाद मेडिकल ऑफिसर ने जेल के सभी पांच हजार कैदियों की एचआईवी जांच के आदेश दिये हैं. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है. इससे पहले पिछले साल करीब 49 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गये थे. मगर उत्तर प्रदेश से ही एक और मामला सामने आया है. डासना जेल के बाद मेरठ में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला है.
इतना ही नहीं, मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में भी 10 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गये हैं. हालांकि, उन सभी का मेरठ मेडिकल कॉलेज के ए.आर.टी सेंटर में इलाज चल रहा है. मेरठ के सीएमओ राजकुमार ने कहा कि कैदियों के ऊपर मुकदमा चल रहा है और जेल में आने से पहले ही ये लोग एचआईवी संक्रमित थे.
Ghaziabad: 27 prisoners of Dasna Jail found infected with HIV; medical officers have ordered HIV test of all the 5,000 prisoners. 49 prisoners were found HIV positive last year pic.twitter.com/qB41CqkLWN
— ANI UP (@ANINewsUP) March 9, 2018
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों के क़रीब 40 लोग इलाज के बाद एचआईवी संक्रमित हो गए थे. दरअसल झोलाछाप डॉक्टरों ने इनका इलाज किया था. कथित तौर पर एक ही इंजेक्शन बार-बार इस्तेमाल किया गया, जिससे इन लोगों को संक्रमण हुआ. स्वास्थ्य विभाग ने थाने में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर लिखवाई है.
बताया गया था कि कुछ गांवों में साईकिल पर घूमकर एक झोलाछाप ने लोगों का इलाज किया. एक ही इंजेक्शन का कथित तौर पर बार-बार इस्तेमाल करने से करीब 40 लोग एचआईवी संक्रमित हो गए. झोलाछाप से इलाज करवाने वाले कुछ और लोगों में एचआईवी संक्रमण के लक्षण दिखे हैं. इसकी पुष्टि के लिए कई जांचें करवाई जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर लिखवाई है.