यूपी चुनाव 2017: बलिया के मुसलमान किस नेता का करेंगे चुनाव?

शम्स तबरेज़, सियासत न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ।
बलिया: बलिया जिला को क्रांतिभूमि के नाम जाना जाता है, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजाने वाले मंगल पाण्डेय ने सबसे पहले सैनिक विद्रोह किया था, जिनकी जन्मभूमि बलिया है। बलिया में कुल साढ़े छ: फिसदी ​मुस्लिम आबादी है। बलिया जिले में सात विधानसभा सीट हैं, जिनमें ज़्यादातर पर बसपा की लहर देखी जा रही है। बलिया की राजनीति पर बारिकी से नज़र रखने वाले सिकन्दरपुर के राजनीतिक जानकार डा. सैयद मिन्हाज़ुद्दीन अजमली कहते हैं कि ‘तकरीबन बलिया में बसपा की एक लहर चल रही है, अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों का विरोध किया और जिनमें यादव और ​मुसलमान दोनों ही शामिल है। जो मुसलमान सीट पर मौजूद थे उनका टिकट काटा गया और उन मुस्लिम उम्मीदवारों का काटकर यादवो दी गई है।’ नारद राय और अंबिका चौधरी ज़मीनी नेता हैं दोनो ही समाजवादी है जिनका टिकट सीएम अखिलेश यादव ने काट दिया अब ये दोनों ही बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सैयद अजमली ने इन दोनों के जीत का अनुमान लगाया है जिससे बसपा को फायदा पहुंचेगा।


बलिया के सिकन्दरपुर में बसपा और भाजपा ने दो यादवों को उतारा है। बसपा से राजनारायण यादव जबकि भाजपा से संजय यादव को उम्मीदवार बनया है जो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मुहम्मद ज़ियाउद्दीन रिज़वी को टक्कर दे रहे हैं। मुहम्मद ज़ियाउद्दीन रिज़वी सिकन्दरपुर के मौजूदा विधायक हैं और सीएम अखिलेश यादव ने उन्हे राज्यमंत्री भी बनाया है। ज़ियाउद्दीन के बेहतर काम के चलते उनको ज़्यादा वोट मिलने की उम्मीद है। संजय यादव इससे पहले एक बार चुनाव लड़ चुके है। राजनारायण यादव एक युवा उम्मीदवार हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं जिनका ​सियासी ज़मीन से कोई मतलब नहीं रहा है।
ऐसे में दो यादव जाति के उम्मीदवार का एक ही विधानसभा सीट से उतर जाने से यादव ही यादव का वोट काटेगा, जिसका सीधा फायदा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार यानि मुहम्मद ज़ियाउद्दीन रिज़वी को मिलेगा। इस जिले में चार मार्च को मतदान होने वाले हैं जिसका फैसला 11 मार्च को सामने आएगा।