रहमत नगर चनचलम में अजीब किस्म की डरेंज लाईन

जम्हूरियत में अवाम ही सब कुछ होते हैं जब कि उन की क़ियादत का दावा करने वाले अवाम के ख़िदमत गुज़ार और ख़ादिमैन की हैसियत रखते हैं लेकिन हमारे मुल्क की ये बदक़िस्मती है कि यहां वोट हासिल करते वक़्त हुक्म मेरे आक़ा कहते हुए सियासतदां रुजू होते हैं और जब मतलब निकल जाता है तो अवाम के मसाइल को हल करना तो दूर उन से मुलाक़ात से भी गुरेज़ किया जाता है ।

लेकिन अब अवाम में शऊर जाग रहा है उन्हें ये एहसास हो चुका है कि इन का इस्तिहसाल करने वाले कौन हैं और हमदर्द कौन! अवाम में अपने हुक़ूक़ के लिए शऊर जाग चुका है । उस की बेहतरीन मिसाल आज हमें बलदी हल्क़ा चनचलम के एक मुहल्ला रहमत नगर में मिल गई जब ख्वातीन अपने घरों से निकल कर मुताल्लिक़ा कौंसिलर और बलदी ओहदेदारों के ख़िलाफ़ शदीद ब्रहमी का इज़हार किया ।

क़ारईन आप को बतादें कि रहमत नगर में चार माह क़ब्ल बलदी गुत्तादार ने डरेंज लाईन डालने का काम शुरू किया काम जो इस क़दर सुस्त किया जा रहा है कि लोग आजिज़ आ चुके हैं । दूसरी सब से अहम और ख़तरनाक बात ये है कि जो पाइपलाइन बिछाई जा रही है और मेनहोल कवर डाले जा रहे हैं वो ज़मीन की सतह से ढाई ता तीन फ़ुट बुलंद हैं इस तरह जब लाईन बिछाने का काम पूरा होगा इस गली के मकानात चार फ़ुट नीचे हो जाएंगे ।

यानी जिन घरों के दरवाज़ों की ऊंचाई 6 फ़ुट है डरेंज लाईन बिछाए जाने और इस पर मिट्टी डाले जाने के बाद दो ता ढाई फ़ुट के हो जाएंगे । हम जब रहमत नगर का दौरा कर रहे थे तब कोई कैमरा के सामने आने के लिए तययार ही नहीं था ।
लेकिन सिर्फ़ एक ज़ईफ़ ख़ातून ही बड़ी बेजिगरी से बस्ती के इस ख़तरनाक मसअला से वाक़िफ़ करवा रही थी ताहम थोड़ी ही देर में गली के तमाम दरवाज़े खुल गए और ख्वातीन ने बाहर निकल कर बताया कि चार माह से वो और उन के ख़ानदान खास तौर पर मासूम बच्चे परेशानियों का सामना कर रहे थे ।

एक ख़ातून ने बताया कि अगर इस तरह डरेंज लाईन बिछाई गई तो हमारे घर डूब जाएंगे । मोहरीयों का पानी घरों में दाख़िल होगा । बारिश में दीवारें नम होकर गिर जाएंगी । दूसरी ख्वातीन ने बताया कि चार माह से सारी बस्ती जिस परेशानी का सामना कर रही है उसे ब्यान करने के लिए उन के पास अलफ़ाज़ नहीं हैं कोई सवारी ख़ुद बस्ती में रहने वालों की गाड़ियां तक गली में नहीं आ सकती ।

चलना फिरना तक मुहाल हो गया । इंसान को अच्छा बुरा लगा हुआ है । इसे में एक तक़रीब तक मुनाक़िद नहीं कर सकते एक और ज़ईफ़ ख़ातून ने बताया कि मेनहोल कवर में इन का नवासा गिर गया था लेकिन लोगों ने बरवक़्त इक़दाम करते हुए उसे बचा लिया ।