रहमोज़ मीज़ाईल का कामयाब तजुर्बा

हिंदूस्तान ने मीज़ाईल टैक्नोलोजी के शोबा में अपनी सलाहीयतों का लोहा मनवाते हुए अडीशा साहिल पर चांदी पर इंटीग्रेटेड टसट रेंज से ब्रहमोज़ सोपर सांक क्रूज़ मीज़ाईल का कामयाब आज़माईशी तजुर्बा किया।

ये मीज़ाईल 290 कीलोमीटर साफ़्ट तए करने की सलाहीयत का हामिल और 300 किलो वज़नी रिवायती वार हैड ले जाने की सलाहीयत रखता है।

ज़राए ने बताया कि इस मिज़ाईल का क़ुतर 640 मिलीमीटर है और इस का वज़न तक़रीबन तीन टन है। इस मिज़ाईल का नाम ब्रह्मपुत्र नदी और रूसी दार-उल-हकूमत मास्को के नाम पर रखा गया है।

ये मिज़ाईल ज़ीरो लेवल पर परवाज़ करसकता है। 9 मीटर ऊंचे इस मिज़ाईल को जहाज़ या आबदोज़ से दाग़ा जा सकता है। ब्रह्मोस का पहला टसट फरवरी 2003 में एक जहाज़ से दाग़ कर किया गया था।

दो मराहिल(मंज़िल‌) पर मुश्तमिल(शामिल‌) ये मिज़ाईल पहले ही फ़ौज और बहरीया के बीड़ा में शामिल किया जा चुका है।