राज्यसभा में अरुण जेटली और शरद यादव की झड़प

नई दिल्ली: राज्यसभा में अरुण जेटली और जनता दल (संयुक्त) नेता शरद यादव के बीच नोटब‍ंद‌ करने के मसले पर  झड़प हो गई। कड़वा और खट्टा शब्दों का रूपांतरण तब हुआ जब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और सपा के सदस्यों ने इस मांग पर शोर-शराबा और हंगामा करहे थे कि शल्य हमलों के बाद मौत 25 सैनिकों और नोटों की समाप्ति के बाद 82 लोगों को सदन में श्रद्धांजलि पेश किया जाए।

शरद यादव ने कहा कि यह बेहद असाधारण उदाहरण है कि हमलों के करीब नागरोटा में कल आतंकवादी हमले में मारे गए 7 सैनिकों सहित 2 अधिकारियों की मौत का कोई संदर्भ नहीं दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने नोटबंद‌ करने के बाद कठिनाइयों में घेरे से 90 लोगों की मौत का मामला भी उठाया जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अरुण जेटली ने उन्हें सलाह दी कि वह पहले पार्टी में नोटों को रद्द करने के मुद्दे पर चर्चा और सवाल का जवाब दें|

500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध स्वीकार्य है या नहीं? उनकी यह टिप्पणी की जिस पर जनता दल (संयुक्त) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार की ओर इशारा था जो नोटबंद‌ करने के मामले में केंद्र का समर्थन कर रहे हैं, हालांकि शरद यादव ने तुरन्त कहा कि हम नोटबंद‌ करने के खिलाफ नहीं है बल्कि जनता को पैसे निकालने पर सीमाएं के खिलाफ हैं, जिसके बाद जनता दल (संयुक्त) नेता ने पूछा कि इस मसले पर प्रधानमंत्री उनके साथ हैं या नहीं? क्या प्रधानमंत्री तुम्हारे साथ हैं? और क्या वह अपनी बात सुनते हैं?