राज्यसभा में वज़ीर-ए-आज़म के जारिहाना तेवर ,बी जे पी पर सख़्त तन्क़ीद

वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह ने आज जारिहाना तेवरइख़तियार करते हुए राज्य सभा में बी जे पी पर सख़्त तन्क़ीद की और इल्ज़ाम आइद किया कि वो बार बार पार्लियामेंट की कार्रवाई में दख़ल अंदाज़ी करते हुए और लफ़्ज़ी जंग छेड़ते हुए सरमायाकारों के जज़बात मजरूह कररहे हैं। उन्होंने अहम अपोज़िशन पार्टी से ख़ाहिश की कि वो अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करें और पार्लियामेंट की कार्रवाई बला रुकावट जारी रखने को यक़ीनी बनाए।

वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि ये सिर्फ़ हुकूमत की ज़िम्मेदारी नहीं है जैसा कि बी जे पी ने इद्दिआ किया है। इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करना हुकूमत और अपोज़िशन दोनों की मुशतर्का ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वो कार्रवाई चलाना चाहते हैं लेकिन अपोज़िशन पार्टी मुस्तक़िल तौर पर बरसर-ए-इक्तदार पार्टी को हुक्मरानी का मौक़ा नहीं दे रही है वो रुपये की क़दर में इन्हितात के बारे में जवाब देते हुए वज़ाहतें पेश कररहे थे।

उन्होंने बी जे पी पर तन्क़ीद की कि वो मुसलसल हुकूमत की मुख़ालिफ़त कर रही और इस पर तन्क़ीद कर रही है।उन्होंने कहा कि अगर गुज़िशता 9 साल का रिकार्ड देखा जाये तो अहम अपोज़िशन पार्टी ने कभी भी इस हक़ीक़त से समझौता नहीं किया कि उसे 9 साल पहले अवाम ने इक़तेदार से महरूम कर दिया है। बार बार की ख़ललअंदाज़ी और शोर-ओ-गुल जिसकी वजह से बरसर-ए-इक्तदार अरकान और बी जे पी के अरकान के दरमियान झड़पें हुई वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि पार्लियामेंट मुल्क का आली तरीन इदारा है लेकिन अगर इसका इजलास यके बाद दीगरे कारकर्दगी के मुज़ाहिरे से रोक दिया जाये तो सरमायाकारों का एतिमाद मुतास्सिर होगा।

बी जे पी की तन्क़ीद से दिलबर्दाशता मनमोहन सिंह ने सदर इजलास से कहा कि क्या आप ने किसी ऐसे मुल्क के बारे में सुना है जहां वज़ीर-ए-आज़म को मजलिस वुज़रा का तआरुफ़ करवाने से रोका गया हो। उस नौईयत की बातें यहां नज़र आरही हैं। एक मरहले पर क़ाइद अपोज़िशन अरूण जेटली ने जवाबी वार करते हुए कहा था कि क्या आप ने किसी ऐसे मुल्क के बारे में सुना है जहां वज़ीर-ए-आज़म ने अरकान‍‍-ए-पार्लिट को ख़रीद कर ख़त एतिमाद हासिल किया है। इस पर ऐवान में हंगामा मच गया।

वो जुलाई 2008 के ख़त एतिमाद का तज़किरा कर रहे थे जबकि न्यूक्लीयर मुआहिदे पर बाएं बाज़ू ने हुकूमत की ताईद से दस्तबरादरी इख़तियार करली थी। यशवंत सिन्हा ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म का तरक़्क़ी के बारे में पहली सहि माही में तज़किरा बहुत नुमायां था उसे फ़रामोश नहीं किया जा सकता ।उन्होंने कहा कि 2013-14 की पहली सहि माही में शरह तरक़्क़ी निसबतन नहीं के बराबर रही। अख़बारात ने उसे 4.8 फ़ीसद से भी कम बयान किया गया है ।

अब तो आप को एतराफ़ कर लेना चाहीए कि मआशी महाज़ पर हुकूमत को इंतिहाई मुश्किलात का सामना है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने अपोज़िशन से तआवुन तल्ब किया है लेकिन उनके रवैय्ये के पेशे नज़र अपोज़िशन उनसे तआवुन नहीं कर सकेगी। चाहे ये उनकी हक़ीक़ी ख़ाहिश क्यों ना हो । वज़ीर-ए-आज़म ने अपनी तक़रीर में तमाम तर उम्मीदें अच्छी बारिश से वाबस्ता कर रखी हैं।