राज ठाकरे ने किया ऐलान, विधानसभा इंतेखाबात लडेंगे

लोकसभा इंतेखाबात में अपनी पार्टी की करारी हार के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सदर राज ठाकरे ने ऐलान करते हुए कहा कि वह और उनकी पार्टी इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा इंतेखाबात लडेंगे और अगर Mandate मिला तो वह सीएम आक् ओहदा भी संभालेंगे। गौरतलब है कि ठाकरे खानदान में अब तक किसी भी शख्स ने न तो कभी इलेक्शन लड़े है और न ही कोई सरकारी ओहदा संभाला है।

राज ने आज एक कदम और बढाते हुए साफ किया कि अगर मनसे को विधानसभा इंतेखाबात में फतह हासिल हुई तो वह रियासत की वज़ीर ए आला का ओहदा संभालेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के लिए लोगों के मन में बहुत प्यार और बहुत उम्मीद हैं। अगर मनसे को Mandate मिला तो मैं इसकी अगुवाई करने में नहीं हिचकूंगा। वज़ीर ए आज़म का ओहदा के लिए नरेंद्र मोदी की हिमायत का ऐलान करने वाली मनसे ने लोकसभा इंतेखाबात में महज नौ उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें ज्यादातर शिवसेना के खिलाफ थे। लेकिन लोकसभा इंतेखाबात में मनसे का खाता भी नहीं खुल सका था। पार्टी के कई उम्मीदवारों की तो जमानत जब्त हो गई थी। मनसे ने पहले ऐलान किया था कि राज ठाकरे पार्टी के वज़ीर ए आला के ओहदे के उम्मीदवार होंगे।

लोकसभा इंतेखाबात में हार के बाद अपनी पहली रैली से खिताब करते हुए राज ने कहा कि विधानसभा इंतेखाबात में पार्टी जबर्दस्त वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि सियासी पंडितों का कहना है कि मेरा सफाया हो गया, पर यहां आई भीड़ को देखिए, क्या यह रैली किसी हारी हुई पार्टी की लग रही है। राज ने कहा कि जब वह शिवसेना में थे, उसी वक्त से उन्होंने हार देखी है।

राज ने कहा कि मुझे मालूम है कि हार से कैसे सीखना है और वापसी कैसे करनी है। अपनी पार्टी के अब तक के मुज़ाहिरे की तन्कीद पर राज ने कहा कि अगर आपको मुझसे उम्मीदे हैं तो मुझे वक्त दीजिए। राज के चचा बाल ठाकरे ने 1960 के दहा में शिवसेना की नीव रखें थे और भाजपा के साथ इत्तेहाद कर 1995 में पार्टी को राज्य विधानसभा के इंतेखाबात में इक्तेदार दिलाए थें हालांकि, बाल ठाकरे ने खुद कभी इलेक्शन नहीं लडा और न ही सरकार में कोई ओहदा हासिल किया। महाराष्ट्र की सडकों पर टोल वसूली के खिलाफ मनसे के मुज़ाहिरा के बाबत राज ने कहा, क्या यह काफी नहीं है कि मुज़ाहिरा की वजह से रियासत के 65 टोल बूथों को बंद कर दिया गया है।

लोकसभा इंतेखाबात के नतीजों को सिर्फ नरेंद्र मोदी के लिए Mandate करार देते हुए राज ने कहा कि उन्होंने लोगों के मूड को भांप लिया था और वह जानते थे कि एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलेगी। राज ने दावा किया कि वह विधानसभा इंतेखाबात नहीं लडना चाहते थे। उन्होंने कहा, बहरहाल, मेरी पार्टी में कुछ लोगों ने इससे इतर सोचा और भाजपा के सीनीयर लीडर नितिन गडकरी से मेरी मुलाकात के बाद मैंने लड़ने का फैसला किया। राज ने कहा कि भाजपा और इसके साथी पार्टियों में सभी ने नरेंद्र मोदी की वजह से जीत हासिल की है। यहां तक कि भाजपा में मेरे दोस्त भी नतीजों से हैरतअंगेज़ थे।

कांग्रेस ने नायब सदर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए राज ने कहा कि राहुल महात्मा गांधी के सच्चे पैरोकार हैं। अब वह आजादी के बाद कांग्रेस को तहलील करने की महात्मा गांधी की खाहिश पूरी कर रहे हैं।

राज ने वज़ीर ए आज़म बनने पर मोदी को बधाई दी, यह अच्छी बात है कि एक ही पार्टी की सरकार है। किसी और के सहारे की जरूरत नहीं है। अपनी पार्टी के कुछ कारकुनो के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए राज ने कहा कि कुछ लीडरों ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए काम नहीं किया और वह बाद में उनसे निपटेंगे।