रिज़र्व बैंक के सारिफ़ दोस्त इक़दामात की निक़ाब कुशाई

रिज़र्व बैंक औफ़ इंडिया ने आज कई इक़दामात का ऐलान किया, जिन में सख़्त के वाई सी मियार शामिल हैं ताकि आम आदमी के लिए बैंकिंग आसान बनाई जा सके।

सेंट्रल बैंक ने आधार जानकारी के आधार पर एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की। फ़ैसला किया गया कि 19 नवंबर से एन ई एफ़ एफ़ सिस्टम शुरू किया जाय। अगले साल डिसमबर से चैक के ज़रीये अदायगी के निज़ाम के ख़ातमा के इमकान का भी इशारा दिया गया और कहा कि बर्तानिया जैसे तरक़्क़ी याफ़ता ममालिक चैक सिस्टम बर्ख़ास्तगी की राह पर हैं।

इसलिए आर बी आई ने भी डिसम्बर में इस बारे में अवामी तबसरे हासिल करने का फ़ैसला किया है। महँगाई की ऊँची सतह में शिरकत पर ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए आर बी आई ने आज कलीदी शरह सूद में बदली नहीं की। इस के अलावा नक़द रक़म के महफ़ूज़ ज़ख़ाइर के तनासुब में 0.25 फ़ीसद कमी कर दी गई।

इस कदम से उम्मीद है कि मआशी निज़ाम में 17,500 करोड़ रुपय जमा होंगे। रिज़र्व रेपो 7 फ़ीसद बरक़रार है। मालीयाती पालिसी पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए बॉम्बे स्टाक ऐक्सचेंज के 30 स्टाक इंडैक्स, सेंसेक्स में 0.98 फ़ीसद इन्हितात पैदा हुआ और वो 11:38 बजे 18454.10 पर पहुंच गया।

नई शरहें 3 नवंबर से लागू होंगी। गवर्नर रिज़र्व बैंक बी सुब्बहराव‌ ने वस्त साल मालीयाती पालिसी जायज़े की निक़ाब कुशाई करते हुए कहा कि महँगाई की ऊँची सतह से निमटने केलिए मालीयाती पालिसी की बुनियादी तवज्जु(ध्यान‌) महँगाई की ऊँची सतह पर मर्कूज़ की गई है। उन्होंने कहा कि महँगाई की ऊँची सतह तरक़्क़ी केलिए कलीदी चैलेंज है।

सी आर आर ने कटौती के बारे में गवर्नर ने कहा कि इस का मक़सद लैकोई ड्युटी में इज़ाफ़ा है। इस से निज़ाम में 17,500 करोड़ रुपय शामिल होंगे। हुकूमत के इस्लाही इक़दामात और वस्त मुद्दती महँगाई की ऊँची सतह तवक़्क़ुआत के लिए आर बी आई ने हुकूमत की सताइश की। आर बी आई ने जी डी पी शरह तरक़्क़ी का तख़मीना भी 6.5 फ़ीसद से कम करके ख़तम‌ मार्च तक 5.8 फ़ीसद कर दिया और महँगाई की ऊँची सतह 7.5 फ़ीसद होने की पेश क़ियासी की।