रुशदी की किताब से मुसलमान के जज़बात मजरूह

नई दिल्ली, ३१ जनवरी ( पी टी आई ) मलऊन मुसन्निफ़ सलमान रुशदी पर तन्क़ीद करते हुए प्रेस कौंसल के सदर नशीन मारकंडे काटजू ने आज कहा कि इस की गुस्ताखाना तहरीर शैतानी कलिमात के ताल्लुक़ से सनसनी पैदा किए जाने से मुस्लमानों के जज़बात शदीद मुतास्सिर हुए हैं और किसी फ़र्द-ए-वाहिद के इज़हार ख़्याल की आज़ादी में अवामी मुफ़ाद को भी ज़हन में रखा जाना चाहीए ।

जस्टिस काटजू ने रुशदी को एक इंतिहाई ओछा और प्रले दर्जा का मुसन्निफ़ क़रार दिया था उसे बूकर इनाम दिए जाने पर भी सवाल किया और कहा कि इस एवार्ड के दिए जाने पर भी राज़ के पर्दे पड़े हुए हैं। उन्हों ने कहा कि कुछ लोग रुशदी को बड़ा मुसन्निफ़ क़रार देते हैं की उनका उसे बूकर इनाम हासिल हुआ है ।

इस सिलसिला में वो ये कहना चाहते हैं कि अदीबों को मिलने वाले इनामात अमोमा पर इसरार होते हैं। अब तक नोबल के अदब के जो तक़रीबा 100 इनामात अब तक दिए गए हैं उन के मिनजुमला किसी को भी 80 या इस से ज़ाइद के नाम भी याद नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मलऊन ने अपनी तहरीर में यक़ीनन इस्लाम और पैग़ंबर इस्लाम को निशाना बनाया है । इस तरह की सनसनी ख़ेज़ी से हो सकता है कि उसे लाखों डॉलर्स मिल गए हों लेकिन इस से मुस्लमानों के जज़बात मजरूह हुए हैं।