वडेरा के ख़िलाफ़ दरख़ास्त पर हाइकोर्ट का फ़ैसला महफ़ूज़

नई दिल्ली, ३० नवंबर: (पीटीआई) इलहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बैंच ने आज एक कारकुन की जानिब से पेश की जाने वाली दरख़ास्त पर अपना फ़ैसला महफ़ूज़ कर दिया है। कारकुन ने इस दरख़ास्त में राबर्ट वडेरा के अराज़ी सौदों में मुबय्यना बे क़ाईदगियों की तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया था।

ये सौदे हरियाणा में उनकी अराज़ी का कारोबार करने वाली कंपनी डी एल एफ़ ने किए थे। डीवीजन बेंच ने जो जस्टिस उमा नाथ सिंह और जस्टिस वीरेंद्र कुमार दीक्षित पर मुश्तमिल थी, मर्कज़ के मुशीर क़ानूनी और दरख़ास्त गुज़ार के मुशीर क़ानूनी के मुबाहिस की समाअत करने के बाद फ़ैसला महफ़ूज़ कर दिया।

मर्कज़ की पैरवी करते हुए एडीशनल सालीसीटर जनरल मोहन ने कहा कि दरख़्वास्त ए रिट अख़बारी इत्तिलाआत पर मबनी है, जिन्हें दुरुस्त क़रार नहीं दिया जा सकता। उन्होंने इद्दिआ किया कि दरख़ास्त मुस्तर्द कर दिए जाने के लायक़ है क्योंकि ये सिर्फ़ कही सुनी बातों पर मबनी है।

दरख़ास्त गुज़ार के पास ये दरख़ास्त पेश करने की कोई बुनियादी वजह नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर ने बेंच पर उसकी नोटिस के जवाब में एक हलफ़नामा दाख़िल करते हुए कहा कि मुक़ामी कारकुन नूतन ठाकुर की दरख़ास्त बेबुनियाद है। समाजी कारकुन से सियासतदां बनने वाले अरविंद केजरीवाल ने राबर्ट वडेरा पर इल्ज़ामात आइद किए थे।

नूतन ठाकुर के वकील अशोक पाण्डेय ने कहा कि ये मुआमला आला सतही शख़्सियात से ताल्लुक़ रखता है और सिर्फ़ वज़ीर-ए-आज़म का दफ़्तर ही इस के बारे में तहक़ीक़ात कर सकता है।