विधानसभा चुनाव: बीजेपी की हार होगी, क्या मोदी जानते थे?

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों भले देर से घोषित हुए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शायद इस बात का पहले ही अंदाजा था कि इन पांचों राज्यों में उन्हें या उनकी पार्टी को करारी शिकस्त मिलने जा रही है। यही वजह रही कि उन्होंने इन राज्यों में प्रचार के लिए कम रैलियां कीं।

जी हां इससे पहले मोदी की चुनाव प्रचार का अंदाज और रैलियों का आंकड़ा दोनों ही जोरदार होता था। लेकिन इन राज्यों की सर्वे रिपोर्ट ने शायद मोदी को इस बात का पहले ही इल्म करवा दिया था कि उन्हें यहां से ज्यादा कुछ हांसिल होने वाला नहीं है।

दिसंबर 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां रिकॉर्ड 33 रैलियां और पब्लिक मीटिंग कीं। लंबे समय बाद सत्ती की वापसी में जुटी कांग्रेस के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 29 रैलियां की।

यहां किसी तरह भाजपा ने सरकार बना ली। मई 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए, जहां नरेंद्र मोदी ने 18 रैलियां की और राहुल गांधी ने 16। चुनावी रिजल्ट आया तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी मगर कांग्रेस ने जेडीएस संग सरकार बना ली।

छत्तीसगढ़ में मोदी ने महज चार रैलियां की जबकि राहुल गांधी १७ बार चुनावी सभा में गए। मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ने महज दस रैलियां की जबकि राहुल गांधी १५ बार इस राज्य में गए।

मिजोरम में मोदी महज एक बार गए जबकि कांग्रेस अध्यक्ष ने दो रैलियां की। तेलंगाना में मोदी तीन बार गए और राहुल गांधी ९ बार गए। राजस्थान में नरेंद्र मोदी ने १५ रैलियां की और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी २४ बार राज्य में जनता को संबोधित करने गए।

साभार- ‘पत्रिका’