संजीव चतुर्वेदी के ACR पर जे.पी. नड्डा और एम्स प्रशासन को नोटिस

भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एम्स के ताजा आदेश पर रोक लगी दी है। यह आदेश 21 जनवरी को आया था। आदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने संजीव चतुर्वेदी की साल 2014-15 की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) लिखने को कहा था।

साथ-ही-साथ कैट ने इस मामले में अपने पिछले साल के तीन फरवरी के आदेश की अवमानना करने के लिए संजीव को एम्स के निदेशक, उप निदेशक और दूसरे अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना का केस दायर करने की भी मंजूरी दे दी है। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।

गौरतलब है कि संजीव चतुर्वेदी ने कैट में याचिका दायर की थी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कैट के आदेश के बाद भी उनकी एसीआर लिखने के आदेश जारी किए हैं। जबकि एसीआर पर कैट ने स्टे किया था। इसके बाद एक साल तक स्वास्थ्य मंत्री ने इस मसले पर कुछ नहीं किया।

इसी साल 21 जनवरी में एक बार फिर से एसीआर लिखने के आदेश दिए थे। इसी को लेकर संजीव ने कैट में याचिका दायर की थी। संजीव ने याचिका में स्वास्थ्य मंत्री पर अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग भी की थी। संजीव का आरोप है कि मंत्री ने कैट की तरफ से रोक लगाने के बाद एसीआर लिखने के आदेश दिए।

बता दें कि पूरे मामले की शुरुआत नवंबर 2014 में हुई थी। तब जे.पी. नड्डा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभाला था। इसके बाद दिसंबर 2014 में उनका एम्स के प्रेसिडेंट के तौर पर नोटिफिकेशन जारी हुआ। इस बीच मार्च 2015 में संजीव अचानक 28 दिनों की छुट्टी पर चले गए। इसी बीच एसीआर लिखने के आदेश दे दिए गए। इसी को आधार बनाकर संजीव ने कैट में इस आदेश को चुनौती दी थी, जहां से उन्हें स्टे मिल गया। एम्स में रहते हुए संजीव ने भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे। भ्रष्टाचार के आरोप स्वास्थ्य मंत्री पर भी लगे थे।