सब्ज़ी मंडी में अवाम (जनता)को कई मुश्किलात दूध और दवा का हुसूल(प्राप्ति) भी मुश्किल

हैदराबाद ०१ नवम्बर:( सियासत न्यूज़ ) शहर के क़दीम तरीन इलाक़ा सब्ज़ी मंडी में पेश आए परतशद्दुद वाक़ियात के बाद सारे इलाक़ा और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के अवाम को ज़रूरीयात-ए-ज़िंदगी की अश्या के हुसूल केलिए भी मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है और अवाम इस मुश्किल में अपने क़ाइदीन के बारे में इस्तिफ़सार करने लगे हैं। सब्ज़ी मंडी और क़रीबी इलाक़ों में पेश आए तशद्दुद के वाक़ियात के बाद पुलिस ने इलाक़ा में इमतिनाई अहकाम नाफ़िज़ कर दिए और किसी को घरों से निकलने की इजाज़त नहीं दी जा रही है ।

गुज़शता दो दिन से इलाक़ा में अमला कर्फ़यू जैसी सूरत-ए-हाल है । इस सूरत-ए-हाल से कई घरों में ज़रूरीयात-ए-ज़िंदगी की अश्या नहीं हैं और बाअज़ घरों में तो दवाऒ और दूध तक नहीं पहूंच पा रहा है । इस सूरत-ए-हाल से मरीज़ और मासूम बच्चों को खासतौर पर मुश्किलात पेश आ रही हैं। दूसरी जानिब पुलिस का ये हाल है कि किसी को घरों से बाहर आने और ज़रूरी अश्या दूध अदवियात वग़ैरा ख़रीदने की इजाज़त तक नहीं दी जा रही है ।

इस के बरख़िलाफ़ अवाम की नक़ल-ओ-हरकत पर सख़्ती से इमतिना आइद करने और उन्हें ज़रूरीयात-ए-ज़िंदगी की अश्या हासिल करने तक की इजाज़त ना देने वाले पुलिस अमला केलिए एक मुक़ामी होटल में शिकम सैर होने का पूरा एहतिमाम किया गया है । हैरत ये है कि ये होटल मुक़ामी जमात के एक कारकुन की है जो अक़ल्लीयतों की मसीहा होने का दम भर्ती है । पुलिस अमला को अवाम को दूध और अदवियात के इलावा ज़रूरीयात-ए-ज़िंदगी की अश्या हासिल करने से अवाम को ना रोकने की तरग़ीब देने की बजाय अवाम को यकसर फ़रामोश करदिया गया है और होटल में पुलिस अमला केलिए मुर्ग़न ग़ज़ाॶं और ठंडे पानी का वाफ़र मिक़दार में इंतिज़ाम किया गया है ।

मुक़ामी(स्थानीय‌) अवाम ने ये शिकायत की है कि मुंख़बा अवामी नुमाइंदे और जज़बाती नारों से उन का इस्तिहसाल करने वालों ने इलाक़ा का तफ़सीली दौरा तक करने की ज़रूरत महसूस नहीं की और उन्हें पुलिस और अश्रार के रहम-ओ-करम पर छोड़ दिया है । हद तो ये होगई कि जिस रात में तशद्दुद फूट पड़ा था उस वक़्त मुक़ामी जमात के क़ाइदीन ने इलाक़ा का दौरा करने के नाम पर कुछ देर मुक़ामी होटल में गुज़ारा जो जमात के कारकुन की है और वहां से चले गए ।

क़रीब में चंद मिनट रुक कर अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाने की कोशिश की गई और फिर गाड़ीयों में बैठ कर वहां से रवाना होगए । अब इसी होटल में पुलिस अमला केलिए तीन वक़्त के खाने का इंतिज़ाम किया गया है । फ़सादज़दा इलाक़ा के मुतास्सिरा अवाम का तास्सुर है कि वो बे यार-ओ-मददगार ज़िंदगी बसर कर रहे हैं और उन का कोई पुर्साने हाल नहीं । मुक़ामी जमात के रवैय्या में इस तबदीली को अवाम समझने से क़ासिर हैं।

अवाम का ये तास्सुर है कि गुज़शता में शहर में फ़िर्कावाराना कशीदगी के वक़्त पुलिस को इंतिबाह देने वाली क़ियादत इस बार ज़बान खोलने से भी गुरेज़ करने लगी है और अवाम उस तबदीली की वजह को समझने से क़ासिर हैं। हुकूमत को अपने इशारों पर नचाने और मर्ज़ी के काम मनवाने केलिए वक़्त की हुकूमतों को राज़ी करवाने का दावे करने वाले अवाम की तकलीफ़ में क्यों नहीं दिखाई देते । मुक़ामी अवाम ने इस बात पर ताज्जुब का इज़हार करते हुए कहा कि कुछ क़ाइदीन तो एक होटल पर कुछ देर तवक्कुफ़ के बाद वहां से चले गए । फ़साद से मुतास्सिरा मुसीबतज़दा अवाम से मुलाक़ात केलिए कोई नहीं आया । तरकारी , दूध , दवा-ए-ओ- दीगर अशीया ज़रुरीया केलिए अवाम परेशान हैं ।

सब्ज़ी मंडी इलाक़ा के इलावा शहर के दीगर इलाक़ों के अवाम भी मुक़ामी क़ियादत की इस मुश्किल वक़्त में बेताल्लुक़ी पर ब्रहम हैं । अवाम का कहना है कि मुक़ामी अवाम को लाहक़ ख़तरात और दरपेश परेशानीयों को छोड़कर बैरून-ए-रयासत क़ियादत गलपोशी और सस्ती शौहरत केलिए बेताब हो रही है जबकि इस का वजूद शहर से है और क़ियादत असल शहर और असल शहर के अवाम ही को नज़रअंदाज कर रही है ।

सब्ज़ी मंडी के इलाक़ा में पुलिस की सख़्ती का ये आलम है कि अक़ल्लीयती तबक़ा के इलाक़ों में ख़ारदार(कांटेदार‌) तारों बिछा दिए गए एक इन्सपैक्टर सतह के ओहदेदार ने नौजवान को लाठी से ज़बरदस्त मारपीट की जो महिज़ अपने रोज़गार के सिलसिला में साथी से मुलाक़ात के लिए टप्पा चबूतरा इलाक़ा को जाना चाहता था । एक पुलिस ओहदेदार का कहना है कि अवाम को किसी किस्म की सख़्ती पेश आती है तो उन्हें इस से कोई मतलब नहीं है