सरकारी स्कूलों में उर्दू भाषा शुरू करने के उपाय

हैदराबाद 17 नवंबर: उपमुख्यमंत्री मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि तेलंगाना सरकार अल्पसंख्यकों की असदृशतापूर्वक विकास और उर्दू भाषा के विकास और संवर्धन के कार्यकाल के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में उर्दू भाषा को लागू करने के कदम उठाए जाएंगे।

सरकार ने अल्पसंख्यकों के शैक्षिक विकास के लिए जो निवास स्कूल्स स्थापित किए हैं उनमें उर्दू भाषा और दीनियात को अनिवार्य मज़बूत के तोर पर शामिल किया गया है। उपमुख्यमंत्री इंदिरा प्रिया दर्शन हॉल में बेस्ट उर्दू शिक्षक और बेस्ट उर्दू विद्यार्थी पुरस्कार की पेशकश के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के अवसर पर उर्दू एकेडेमी की ओर से हर साल यह पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्रई शासकों ने पिछले 60 वर्षों में मुसलमानों के साथ हर शोबे में अन्याय हुवा है। आंध्रई सत्तारूढ़ तेलंगाना की सभ्यता और भाषा से अनभिज्ञ थे इसलिए उन्होंने उर्दू भाषा के विकास पर कभी भी ध्यान नहीं दिया।

आंध्रई नेताओं ने तेलंगाना के संसाधनों को लूट लिया और इलाके को पसमांदा कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 14 वर्ष तक शांतिपूर्ण संघर्ष की तरफ अलाहिदा राज्य प्राप्त की। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में शांति अनुशासन की स्थिति और गंगा-जमुनी संस्कृति के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के कदम सराहनीय हैं। तेलंगाना का हर नागरिक गंगा जमुनी तहज़ीब की अवधारण पर प्रसन्नता व्यक्त कर रहा है।