सरबजीत को हिंदुस्तान नहीं भेजेगा पाकिस्तान

नई दिल्ली, 30 अप्रैल: पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल में भर्ती हिंदुस्तानी शहरी सरबजीत सिंह को इंसानियत की बुनियाद पर रिहा करने की हुकूमत ए हिंद की मांग को पाक ने नामंजूर कर दिया है। हिंदुस्तान ने सरबजीत की नाजुक हालत देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए हिंदुस्तान भेजने की मांग की थी। लेकिन पाकिस्तानि वज़ीर ए इत्तेलात आरिफ नाजमी ने कहा कि सरबजीत को कहीं और नहीं भेजा जाएगा। पाकिस्तान में ही उसका सही इलाज हो सकता है।

गौरतलब है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में जुमे को हमले के बाद से अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। नई दिल्ली में इलाज के लिए सरबजीत को हिंदुस्तान भेजे जाने पर गौर करने के साथ ही इस वाकिया की जांच कर पाकिस्तान से खातियों को सजा देने की मांग की है।

वज़ारत ए खारेज़ा के तरजुमान ने कहा, ताजा हालात के मद्देनजर हम एक बार फिर हुकूमत ए पाकिस्तान से अपील करते हैं कि इस मामले में इंसानी बुनियाद पर गौर करे और सरबजीत को रिहा करे। जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह को देखने के लिए मौजूद खानदान वालों के साथ ही हिंदुस्तानी हाई कमीशन के आफीसर भी लगातार डॉक्टरों के राबिता में हैं।

हिंदुस्तान ने पाकिस्तान से जांच कर सरबजीत के हमलावरों की पहचान करने और उनकी सजा तय करने को भी कहा है। बीते चार महीने में पाकिस्तानी जेल में दो हिंदुस्तानी कैदियों चमेल सिंह और सरबजीत सिंह पर हुई वाकिया के बाद हिंदुस्तान ने पाकिस्तान हुकूमत को फर्ज की भी याद दिलाई।

वज़ारत ए खारेज़ा ने कहा है कि जेलों में बंद हिंदुस्तानी कैदियों की हिफाजत पाकिस्तान के हुकुमत की जिम्मेदारी है। लाहौर के जिन्ना अस्पताल से जारी ताजा मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक सरबजीत की हालत नाज़ुक बनी हुई है।

बेहतर तिब्बी सहूलियात मुहैया कराने के लिए हिंदुस्तान भेजे जाने को लेकर उठ रही मांगों की ताइद करते हुए म्रकज़ ने भी कहा है कि इस बारे में गौर किया जाना चाहिए।

सरबजीत सिंह को पाकिस्तान के पंजाब सूबे में 1990 में हुए सिलसिलेवार धमाकों का मुल्ज़िम बताते हुए बंदी बनाकर रखा गया है। इस मामले में पाक अदालत सरबजीत को मौत की सजा सुना चुकी है। पाकिस्तान सरबजीत को हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसी का एजेंट बताता रहा है। हालांकि, अभी तक इसके लिए कोई ठोस सुबूत पेश नहीं किए गए हैं। सरबजीत की रिहाई को लेकर दोनों मुल्कों केबीच कई साल से बात हो रही है। बीते साल मई में हिंदुस्तान और पाकिस्तान के होम सेक्रेटरी की बातचीत में यह मुद्दा उठा था। वहीं, दोनों मुल्कों के वुजरा (Foreign Ministers) की सितंबर 2012 में हुई मुलाकात में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।