साबिक़ कांस्टेबल अबदुलक़दीर से अरकाने ख़ानदान की मुलाक़ात

साबिक़ पुलिस कांस्टेबल मुहम्मद अबदुलक़दीर के इंतेक़ाल की ख़बर ग़लत साबित हुई और उन्हें सुबह हसब मामूली तिब्बी मुआइना के लिए गांधी हॉस्पिटल लाया गया।

कल रात देर गए अबदुलक़दीर के इंतेक़ाल की ख़बर जंगल की आग की तरह दोनों शहरों में फैलने पर उनके अफ़रादे ख़ानदान पर सकता तारी होगया था और अवाम में तजस्सुस की लहर दौड़ गई थी।

ताहम चैरलापली जेल के हुक्काम ने अफ़्वाह की तरदीद की थी। सुबह अबदुलक़दीर की अहलिया साबरा बेगम और दुसरे अफ़रादे ख़ानदान ने उन से गांधी हॉस्पिटल पहूंच कर मुलाक़ात की और उनकी सेहत से मुताल्लिक़ मालूमात हासिल की।

वाज़िह रहीके आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कांस्टेबल अबदुलक़दीर की अहलिया साबिर बेगम की तरफ से उनके शौहर की रिहाई से मुताल्लिक़ दाख़िल की गई रिट दरख़ास्त पर जस्टिस नोटी राम मोहन राव‌ ने हुकूमत को अहकामात जारी करते हुए कहा था कि मुहम्मद अबदुलक़दीर क़ैदी नंबर 5624 जो चैरलापली जेल में महरूस हैं उन्हें गांधी हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड से रुजू किया जाये ताकि उनकी मौजूदा सेहत से मुताल्लिक़ मुकम्मिल तफ़सीलात अंदरून 30 दिन् फ़राहम की जाएं। इस सिलसिले में उन्हें गांधी हॉस्पिटल मुंतक़िल किया गया था। जहां पर उनके तिब्बी मुआइने किए गए और हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने उनकी जांच भी की