सौराष्ट्र में बीजेपी की हार का कारण पटेल आन्दोलन है- आनंदीबेन

अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 182 में से 99 सीटें जीत चुकी है। लेकिन बीजेपी को सौराष्ट्र-कच्छ में बड़ा झटका लगा है क्योंकि इस इलाके में बीजेपी का प्रदर्शन 2012 के मुकाबले खराब रहा है।

सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में बीजेपी को 25 सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं कांग्रेस यहां 29 सीटें जीत सकती है। पिछले चुनाव में इस इलाके से बीजेपी को 35, कांग्रेस को 16 और अन्य दलों को मिलाकर 3 सीटें हासिल हुईं थीं। हालांकि जीते हुए 2 और उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गए थे।

गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने सौराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन पर कहा है कि इस इलाकों में बीजेपी को किसानों की समस्याएं दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस इलाके के बारे में पार्टी को ठोस रणनीति बनानी होगी और नतीजों पर मंथन करना होगा।

2014 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम से देश के पीएम बन जाने के बाद से पाटीदारों पर बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल के नेतृत्व में शुरू हुए पटेल आंदोलन ने बीजेपी की पकड़ को कमजोर कर दिया है।

इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में सौराष्ट्र की 11 में से 8 पर कांग्रेस विजयी रही, इसका नतीजा ये हुआ कि आंदोलन को ठीक तरह से संभाल न पाने की वजह से आनंदबेन को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी और विजय रूपाणी को सीएम बनाया गया।