स्कूल मे बच्चों से लिखवाया ‘मुस्लिम बनना चाहता हूं’, अभिवावक नाराज

imageधार्मिक एजुकेशन के तहत मामला महज क्रिएटिव राइटिंग का था। स्टूडेंट्स से कहा गया था कि वे अपने पैरंट्स के पास एक पत्र लिख कहें कि वे इस्लाम को कबूल करना चाहते हैं। इसमें बच्चों की राइटिंग स्किल को देखा जाना था। ग्रॉन्जी में बीकैंप्स हाई स्कूल के 12 से 13 साल के बच्चों से कहा गया था कि ‘वह मुस्लिम बनना चाहते हैं’ को लेकर एक पत्र अपने सबसे करीबी के पास लिखें। इस पत्र में अपने फैसले के पक्ष में तर्क देने थे।

लेकिन होमवर्क के इस सब्जेक्ट को लेकर पैरंट्स बुरी तरह से भड़क गए। इन्होंने कहा कि जब ब्रिटेन के युवा सीरिया में जिहादी बनने जा रहे हैं ऐसे में इस तरह का होमवर्क बेहद खतरनाक है। एक ने कहा, ‘जिस बेवकूफ ने इस तरह का होमवर्क दिया है वह इस स्कूल के लायक नहीं है।’ ग्रॉन्जी की कुल आबादी में मुस्लिम एक पर्सेंट से भी कम हैं। हाल ही में ग्रॉन्जी ने सीरियन रिफ्यूजी को लेने से इनकार कर दिया था।

जेमा गॉफ ने कहा कि उन्होंने अपने पति के साथ इस मामले में ग्रॉन्जी एजुकेशन डिपार्टमेंट से शिकायत की है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे थॉमस ने इस होमवर्क को पूरा नहीं किया। इन्होंने फेसबुक पर लिखा है, ‘सॉरी, लेकिन हमलोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसा कई पैरंट्स स्वीकार नहीं करेंगे। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। बच्चे जल्दी ही किसी के प्रभाव में आ जाते हैं। आप कल्पना कीजिए कि ये पत्र आने वाले सालों में किसी गलत हाथ में चले गए तो क्या होगा।’

ग्रॉन्जी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हमारे स्टूडेंट्स पढ़ने में और सीखने में सक्षम बनें। वह हर तरह के सवालों के प्रति जिज्ञासा रखें। वे सभी विषयों को जानें। होमवर्क में भी विविधता रहनी चाहिए। हर चीज को कवर किया जाना चाहिए।’ एक और शख्स ने लिखा है कि स्टूडेंट्स को धर्म के बारे में पढ़ाएं लेकिन लेकिन आप यह कैसे कह सकते हैं मुस्लिम बन जाओ। इस मामले में बेहद सतर्क रहना चाहिए। इन दिनों लोगों को अतिवाद की तरफ मोड़ने का अभियान चल रहा है।

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