हज कोट में इज़ाफे के लिए नजमा हेप्तुल्लाह से नुमाइंदगी:बंडारू दत्तात्रेय

हैदराबाद 14 मार्च: मर्कज़ी वज़ीर लेबर बंडारू दत्तात्रेय ने यकीन दिया कि वो तेलंगाना के हज कोटा में इज़ाफे के लिए मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़लीयाती उमोर नजमा हेप्तुल्लाह और दुसरे मुताल्लिक़ा वुज़रा से नुमाइंदगी करेंगे। हज हाउज़ में मुनाक़िदा तक़रीब से ख़िताब करते हुए बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि तेलंगाना की तशकील के बाद हज कोटा में इज़ाफ़ा ज़रूरी है और उन्हें इस सिलसिले में डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और दूसरों ने तवज्जा दिलाई है।

वो नजमा हेप्तुल्लाह से बातचीत करेंगे और इस बात को यक़ीनी बनाएंगे कि हज 2016 के लिए तेलंगाना का हज कोटा पिछ्ले साल से ज़ाइद हो। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने बताया कि तेलंगाना का हज कोटा काफ़ी कम है। तेलंगाना में मुसलमानों की तादाद 42 लाख है जबकि हज कोटा 2700 का है जबकि ज़रूरत 4500 की है।

उन्होंने इस सिलसिले में मर्कज़ से नुमाइंदगी का एलान किया। उन्होंने बताया कि ज़रूरत पड़ने पर वो नई दिल्ली का दौरा करेंगे और मर्कज़ी वुज़रा से मुलाक़ात करेंगे। इसी दौरान स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि रियासतों के लिए हज कोटा का ताय्युन अंदरून दो दिन कर दी जाएगा।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के आज़मीने हज्ज की क़ुरआ अंदाज़ी तवक़्क़ो है कि 20 मार्च को होगी। मर्कज़ी हज कमेटी ने इस तारीख़ का यकीन किया है। उन्होंने बताया कि मुल्क के लिए हज कोटा एक लाख 36 हज़ार 20 है। हैदराबाद से जारीया साल 12000 से ज़ाइद दरख़ास्तें दाख़िल की गईं जबकि हैदराबाद का कोटा सिर्फ 600 का है।

मौजूदा सूरते हाल में हज कोटा पिछ्ले साल के मुताबिक़ ही रहने का इमकान है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में पिछ्ले साल के कोटा से सिर्फ 50 दरख़ास्तें ज़ाइद दाख़िल हुई हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ख़ादिम अलहजाज की रवानगी के सिलसिले में इस बात को यक़ीनी बनाया जाएगा कि ख़ादिम अलहजाज की हैसियत से दूसरी मर्तबा ना जाएं। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर ना सिर्फ ख़ादिम अलहजाज के मुताल्लिक़ा महिकमा जाती कार्रवाई की जाएगी बल्कि उस के हज के अख़राजात की रक़म वसूल की जाएगी।