हाइकोर्ट में तक़रीबन 2 लाख मुक़द्दमात ज़ेर इलतिवा

वज़ीर-ए-क़ानून ई परताब रेड्डी ने बताया कि रियास्ती हाईकोर्ट में 31 डिसमबर 2011 तक ज़ेर तसफ़ीया मुक़द्दमात की तादाद 1 लाख 98 हज़ार 214 है । वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान गादे वेंकट रेड्डी के सवाल के जवाब में वज़ीर-ए-क़ानून ने बताया कि तहत की अदालतों में 9 लाख 45 हज़ार 737 मुक़द्दमात ज़ेर अलतवा हैं । उन्हों ने बताया कि मुक़द्दमात की जल्द यकसूई के लिए हुकूमत मुख़्तलिफ़ इक़दामात कर रही है ।

मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से फंड्स की फ़राहमी के बाद गुज़शता10 बरसों में 108 फ़ासट ट्रैक कोर्टस क़ायम किए गए हैं । रियास्ती हुकूमत ने वक़ार आबाद ,वनपरती और कोइ्र में डिस्ट्रिक्ट कोर्टस क़ायम किए गए । कुरनूल में ख़ुसूसी ए सी बी अदालत क़ायम की गई । रियासत में 5 सी बी आई कोर्टस क़ायम किए गए जिन में 3 हैदराबाद और 2 विशाखापटनम में है । वज़ीर-ए-क़ानून ने बताया कि तवील अर्सा से ज़ेरे तसफ़ीया मुक़द्दमात की आजिलाना यकसूई के लिए हुकूमत नई अदालतों के क़ियाम का मंसूबा रखती है।

जब कभी हाईकोर्ट की जानिब से तजावीज़ मौसूल होती है हुकूमत नई अदालतों के क़ियाम के इक़दामात कर रही है । उन्हों ने बताया कि हाइकोर्ट की सिफ़ारिश पर रियासत में 139 ग्राम नया लियास के क़ियाम की तजवीज़ है । इस सिलसिला में मुख़्तलिफ़ अज़ला की निशानदेही की जा रही है । रियासत में 140 स्पैशल मजिस्ट्रेट कोर्टस क़ायम किए गए जिन की सदारत रिटायर्ड जजेस करते हैं। इन अदालतों के क़ियाम का मक़सद मुक़द्दमात की यकसूई की मुद्दत 15 बरसों से घटा कर 3 बरस करना है ।