हाथों से महरूम फ़ोटोग्राफ़र ख़ातून का माज़ूरी पर क़ाबू

शौक़ का कोई मोल नहीं , इंडोनेशियाई ख़ातून ने साबित कर दिया कि बाज़ओं के बगै़र भी फोटोग्राफी करना मुम्किन है।रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़ोटोग्राफ़र तो आप ने बहुत से देखे होंगे लेकिन इंडोनेशिया की 44 साला रोशीदा बादवाई जैसी फ़ोटोग्राफ़र शायद ही कभी देखें हों।

एक छोटे से गांव में शौहर और बेटे के हमराह रहने वाली दोनों बाज़ुओं से महरूम इस बा हिम्मत ख़ातून के मज़बूत इरादों ने माज़ूरी जैसी मजबूरी को भी मात दे दी है।बचपन से ही फ़ोटोग्राफ़र बनने की ख़ाहिशमंद रो शैदा बारह साल की उम्र में एक हादसे में अपने दोनों बाज़ूओं से महरूम हो गईं थीं लेकिन इस बा हिम्मत औरत ने हार नहीं मानी।

जिस्मानी कमी के पेश-ए-नज़र रो शैदा ने कैमरा में कुछ तब्दीलीयां करने के बाद उसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जो आज एक पेशावर फ़ोटोग्राफ़र भी हैं।