हिंदूतवा एजंडे पर पेशरफ़त के लिए सुब्रामणियम स्वामी की कोशिश

नई दिल्ली

दफ़ा 370 की तंसीख़ , गाव‌कशी पर इमतिना , राम मंदिर पर बी जे पी क़ौमी इजलास की तलबी का मुतालिबा

हिंदूतवा के एजंडा को आगे बढ़ाते हुए बी जे पी लीडर सुब्रामणियम स्वामी ने अपनी पार्टी की क़ौमी आमिला के इजलास की तलबी पर ज़ोर दिया है ताकि अयोध्या में राम मंदिर की तामीर, दफ़ा 370 की तंसीख़ और गाव‌कशी पर क़ौमी इमतिना जैसे वादों पर अमलवरी के लिए काबिल अमल प्रोग्राम मुरत्तिब किया जा सके।

डाँक्टर स्वामी ने जो क़ौमी आमिला के रुकन भी हैं, अपनी पार्टी के सदर अमित शाह के नाम एक मकतूब में लिखा है कि हिंदूतवा के मसाइल पर 2014के बी जे पी इंतेख़ाबी मंशूर में किए गए वादों की तकमील से मुताल्लिक़ रोड मैप से वाक़फ़ीयत के बारे में अवाम में उजलत-ओ-बेचैनी महसूस की जा रही है।

इस मकतूब में जिस की नक़ल क़ौमी आमिला के चंद अरकान को भी रवाना की गई हैं, बी जे पी के ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत पर ज़ोर दिया गया है कि वो मुल्क के मज़हब, सक़ाफ़्त, तारीख़-ओ-विरासत की निशात सानिया के लिए चंद देरीना मसाइल का हल तलाश करे। डाँक्टर स्वामी, जिन्होंने हिंदूतवा मसाइल पर पेशरफ़त के लिए हाल ही में नई तंज़ीम हिन्दुस्तानी संगम का क़ियाम अमल में लाया है, कहा कि अयोध्या में लार्ड राम के मुक़ामे पैदाइश पर राम मंदिर की तामीर के लिए हिन्दू और मुसलमानों के माबैन बातचीत के ज़रिए कोई हल तलाश किया जा सकता है।

हिंदू बिरादरी, मुनहदमा बाबरी मस्जिद के बजाय दरयाए सरयू के किनारे मुसलमानों के लिए एक मस्जिद की तामीर से इत्तेफ़ाक़ करसकती है। साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर ने गाव‌कशी पर एक मर्कज़ी क़ानूनी के ज़रिए क़ौमी सतह पर इमतिना आइद किया जा सकता है जिस की दस्तूरी उबूरी फ़हरिस्त के तहत इजाज़त हासिल है।

इस तरह पार्लियामेंट या मुताल्लिक़ा रियासती असेम्बली की मंज़ूरी के बगै़र दस्तूर की दफ़ा 370 मंसूख़ की जा सकती है। इस मक़सद के लिए मर्कज़ी काबीना की सिफ़ारिश पर सदारती आलामीया जारी किया जा सकता है। उन्होंने राम संतो को क़ौमी विरसा क़रार देने का मुतालिबा भी किया। डाँक्टर स्वामी ने तमाम जुनूबी रियासतों में संस्कृत को इख़तियारी ज़बान बनाने और हिन्दी रियासतों में मुतबादिल इंतेख़ाब बनाने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।

डाक्टर सुब्रामणियम स्वामी ने निसाबी किताबों में हिन्दुस्तानी तारीख़ की इस्लाह का मुतालिबा भी किया।