हिंसक हुआ पटेल आन्दोलन, सुरक्षा बढ़ी, मोबाईल और इन्टरनेट सेवा बंद

अहमदाबाद: गुजरात में पाटीदार समुदाय आंदोलन फिर हिंसक हो गया है। रविवार को ‘जेल भरो आंदोलन’ में हजारों पाटीदार महेसाणा पहुंचे। भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव किया। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

पाटीदार आंदोलन में भड़की हिंसा और सोमवार के गुजरात बंद के आह्वान को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जगह सुरक्षा बढ़ा दी है। अहमदाबाद, मेहसाणा और सूरत में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा स्टेट रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की 20 कंपनियों ने पूरे सूबे में सुरक्षा की कमान संभाली हुई है। राज्य के मुख्य सचिव जीआर अलोरिया ने रविवार देर शाम उच्च अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि अहमदाबाद और मेहसाणा में आरएएफ की दो-दो तथा सूरत में एक कंपनी भेजी गई है।पुलिस फोर्स भी पूरी तरह मुस्तैद है। अर्धसैनिक बल और पुलिस को लगातार गश्त के निर्देश दिए गए हैं। राज्य बंद के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।

हिंसक प्रदर्शन में सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल जख्मी हो गए। पाटीदार समुदाय युवा नेता और पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण मांग रहे हार्दिक पटेल को जेल से बाहर निकालने जाने की मांग कर रहे हैं।

लाल जी के जख्मी होने के बाद महेसाणा में हिंसा और भड़की। शहर का पूरा बाजार देखते-देखते बंद हो गया। घटनास्थल पर पुलिस फोर्स पहुंची। शहर में कर्फ्यू साथ मोबाइल-इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई। मेहसाणा, राजकोट और सूरत समेत कई इलाकों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा पर 19 अप्रैल तक रोक लगा दी गई है।

विसनगर में तो पाटीदारों ने चार सरकारी बसों में तोड़फोड और आगजनी की। पुलिस ने दर्जोनों उपद्रवियों को इस दौरान गिरफ्तार किया है। राज्य के बाकी हिस्सों में भी धीरे-धीरे हिंसा फैल रही है। पाटीदार आंदोलन के मुखिया हार्दिक के खिलाफ राजद्रोह का मामले चल रहा है। बीते आठ महीनों से जेल में कैद है.