कश्मीरीयों पर हिन्दूवादी संगठनों के हमले: मदद के लिए सिख आए सामने!

भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा इलाक़े में सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले पर आत्मघाती हमले के बाद, हिंदुत्ववादी संगठन देश भर में निर्दोष कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं और उन्हें धमकियां दे रहे हैं।

हिंदुत्ववादी चरमपंथियों की हिंसा का निशाना बनने वालों में से एक ऐसे ही कश्मीरी युवक शादाब अहमद हैं। पिछले हफ़्ते 18 वर्षीय अहमद और उनके चार साथियों को हरियाणा में हिंदुत्ववादी चरमपंथियों ने बहुत मारा पीटा और उनकी जान उसी वक़्त बची जब उन्होंने भागकर ख़ुद को कमरे में बंद कर लिया।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, शादाब और उसके दोस्तों ने मौक़ा मिलते ही यह इलाक़ा छोड़ दिया और वे तुरंत अपने कुछ और साथियों के साथ मोहाली पहुंच गए।

मोहाली पहुंचे तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि यहां उन्हें धमकाने या मारने के बजाए उनका स्वागत किया गया। मोहाली में सिख समुदाय के स्वयं सेवक हिंसा का शिकार कश्मीरियों का स्वागत कर रहे थे और उन्हें गुरुद्वारे में शरण देने के साथ भोजन भी उपलब्ध करा रहे थे।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, शाबाद ने अल-जज़ीरा को बताया कि सिख समुदाय ने हमें भोजन दिया और ठहरने के लिए जगह उपलब्ध करवाई। उन्होंने हमें 13 वाहन भी दिए ताकि वहां पहुंचने वाले सभी कश्मीरी सुरक्षित अपने घरों को पहुंच सकें।

भारत के कालेजों और यूनिवर्सिटियों में पढ़ने वाले हज़ारों कश्मीरी छात्रों को नफ़रतल के लिए निशाना बनाया जा रहा है।

शादाब की ही तरह हज़ारों कश्मरियों छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अपने घर वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हिंसक भीड़ द्वारा कश्मीरियों पर हमलों की वीडियो फ़ुटेज बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

एमनेस्टी इंटरनेश्नल और भारतीय मानवाधिकार कमीशन ने कश्मीरियों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से कहा है कि कश्मरियों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाए।

हालांकि यह भी एक सच्चाई है कि जहां एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे चरमपंथी संगठन निर्दोष कश्मरियों को निशाना बना रहे हैं, वहीं आम भारतीय नागरिक जिनमें हिंदू, सिख, मुसलमान और ईसाई शामिल हैं, उनकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं।

इनमें सबसे आगे लंदन स्थित ग़ैर सरकारी संगठन ख़ालसा ऐड है। भारत में ख़ासला ऐड के निर्देशक अमरप्रीत सिंह का कहना है कि हमारा धर्म हमें इंसानियत सिखाता है।

उन्होंने आगे कहा, इन कश्मीरी छात्रों को कुछ बुरे लोग और असामाजिक तत्व मारपीट रहे हैं, लेकिन इंसानियत मरी नहीं है, बल्कि इंसानियत अभी ज़िंदा है। ख़ालसा ऐड का कहना है कि हिंसक भीड़ के हमलों के बाद, उसने क़रीब 300 कश्मीरी छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाया है।

सिख समुदाय द्वारा कश्मीरी छात्रों की मदद की ख़बर सुनकर श्रीनगर स्थित विंटरफ़ैल कैफ़े रेस्टोरेंट के मालिक कामरान निसार ने सिख समुदाय के लिए अपने रेस्टोरेंट में एक हफ़्ते के लिए खाना फ़्री कर दिया है। कामरान का कहना है कि यह उस समुदाय के लिए जो बुरे वक़्त में हमारे साथ खड़ा है, फ़्री खाना नहीं है, बल्कि मोहब्बत का छोटा सा तोहफ़ा है।