हुकूमत महाराष्ट्रा ने हमें धोका दिया : सुभाष घई

फ़िल्म साज़-ओ-हिदायतकार सुभाष घई ने जिन की इंस्टीटियूट विसलिंग वुडस तनाज़ा का शिकार हो गई है, आज एक ब्यान देते हुए कहा कि उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे हुकूमत महाराष्ट्रा ने उन्हें धोका दिया हो जहां बाली वुड की अहम शख़्सियात ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसला पर ताज्जुब का इज़हार किया जिसने बॉम्बे हाइकोर्ट के इस फ़ैसला को बरक़रार रखा है जिसमें घई को अलॉट कर्दा 20 एकड़‌ अराज़ी को कुलअदम क़रार दिया गया है।

सुभाष घई विसलिंग वुडस के बानी हैं, ने कहा कि इस वक़्त इन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि हुकूमत महाराष्ट्रा ने उन की आँखों में धूल झोंकी है क्योंकि ये एक मुशतर्का वेंचर था जिसके लिए मुक्ता आर्टस और महाराष्ट्रा फ़िल्म स्टेज ऐंड कल्चरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (MFSCDC) के माबैन मुआहिदा पर दस्तख़त हुए थे और वेंचर पर अब तक 75 करोड़ रुपय ख़र्च किए जा चुके हैं।

दस सालों के बाद ये कहना कि ये वेंचर कारकर्द नहीं है और इसके लिए जवाज़ ये पेश किया जा रहा है कि वो हुकूमत की ग़लती थी क्योंकि उस वक़्त बोर्ड की क़रारदाद मंज़ूर नहीं की गई थी और अराज़ी का मुनासिब तख़मीना नहीं लगाया गया था। घई ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि इस् में इन की क्या ग़लती है? हमें उस वक़्त के वज़ीर सक़ाफ़्त और एम डी-ओ-कल्चरल सेक्रेटरी का दस्तख़त शूदा मुआहिदा मौसूल हुआ था जिस में वाज़िह तौर पर विसलिंग वुडस में शराकतदारी का तज़किरा था और इसके बाद हम ने 20 करोड़ रुपये इस वेंचर में मशग़ूल किए।

सुभाष घई ने कहा कि इस तनाज़ा के बावजूद इस इंस्टीटियूट का तारीख़ी मौक़िफ़ तब्दील नहीं होगा और ना ही यहां के फैकल्टी और तलबा को फ़िक्रमंद होने की ज़रूरत है। अब तक इस इंस्टीटियूट से 500 तलबा फ़ारिग़ हो चुके हैं ओर किसी ना किसी प्रोडक्शन हाऊस से वाबस्ता हैं। इलावा अज़ीं 400 तलबा ज़ेर-ए-तरबीयत हैं।