हुसूल अराज़ी आर्डिनेंस पर हुकूमत का मौक़िफ़

नई दिल्ली: सी पी आई (एम ) ने आज वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी पर मुतनाज़ा हुसूल अराज़ी आर्डीनेंस की मीयाद कल ख़त्म होने के साथ ही उस के दुबारा अदम इजरा के तयक़्क़ुन को काश्तकारों के साथ एक बेरहम मज़ाक़ क़रार दिया। सी पी आई ( एम) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम यचोरी ने मोदी की जानिब से मन की बात रेडीयो प्रोग्राम में ऐलान पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि ये काश्तकारों के साथ एक बेरहम मज़ाक़ है।

अगर हुकूमत अब इस आर्डिनेंस को ख़त्म होजाने की इजाज़त दे रही है तो उसने तीन बार ये आर्डीनैंस जारी क्यों किया था जिसकी माज़ी में कोई मिसाल नहीं मिलती । उन्होंने कहा कि हुसूल अराज़ी आर्डीनैंस को ख़त्म होने की इजाज़त देने का फ़ैसला वाज़िह तौर पर मक़बूल आम एहतिजाज का नतीजा है जो हुकूमत के इस इक़दाम के ख़िलाफ़ किया गया था जिसकी वजह से वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी घुटने टेकने पर मजबूर हो गए। मोदी के इस बयान का हवाला देते हुए कि आर्डीनेंस के 13पहलू क़वाइद के ज़रिये इस में शामिल किए जाऐंगे।

उन्होंने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म ने का तयक़्क़ुन कि रास्त माली फ़ायदा काश्तकारों को पहुंचाएंगे मुकम्मल तौर पर धोका है और ज़रात के शोबा और काश्तकारों के बारे में हुकूमत की पालिसी अब भी बे रहमाना है। यचोरी ने कहा कि एक तरफ़ तो मोदी ने आर्डीनेंस को ख़त्म होने का मौक़ा देने का ऐलान किया है दूसरी तरफ़ मर्कज़ी वज़ीर फाइनेंस अरूण जेटली ये क्यों कह रहे हैं कि आर्डिनेंस के बारे में क़तई फ़ैसले का इल्म सिर्फ पीर के दिन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि दायाँ बाज़ू नहीं जानता कि हुकूमत का बायां बाज़ू क्या कर रहा है ये तयक़्क़ुन का मज़ाक़ है जो अच्छी हुक्मरानी के बारे में दिया गया था। नरेंद्र मोदी को मुल्क‌ के सामने इस तज़ाद के बारे में वज़ाहत पेश करनी होगी।