हॉकिंग ने गुरूत्वीय तरंगों की खोज की सराहना की

लन्दन: भौतिकशास्त्री स्टीफन हॉकिंग ने गुरूत्वीय तरंगों या दिक्-काल में हिलकोरों की खोज पर वैज्ञानिकों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह ‘‘खगोलविज्ञान में क्रांति’’ ला सकता है।

हॉकिंग ने कहा कि उन्होंने 40 साल से ज्यादा पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय में कुछ भविष्यवाणियां की थीं, यह खोज उनसे मेल खाती है।

भौतिक शास्त्र और खगोलविज्ञान के क्षेत्र में एक युगांतरकारी खोज में वैज्ञानिकों ने गुरूत्वीय तरंगों का पहला प्रत्यक्ष अवलोकन किया। एक सदी पहले अल्बर्ट आईंस्टीन ने दिक्-काल के लबादे में आने वाली इन हिलकोरों की भविष्यवाणी की थी।
हॉकिंग ने बीबीसी न्यूज से कहा, ‘‘गुरूत्वीय तरंगें ब्रह्मांड को देखने का पूरी तरह एक नया रास्ता देती हैं। उनका पता लगाने की क्षमता में खगोलविज्ञान में क्रांति लाने की कुवत है। यह ब्लैक होल बाइनरी तंत्र की पहली शिनाख्त है और कई ब्लैक होल के एक-दूसरे में विलय का पहला अवलोकन है।’’ कैंब्रिज विश्वविद्यालय के एपलाइड मैथेमेटिक्स एवं थ्योरेटिकल फिजिक्स विभाग के अनुसंधान निदेशक हॉकिंग ने कहा, ‘‘प्रणाली के अवलोकित गुण ब्लैक होल के बारे में भविष्यवाणियों से सुसंगत हंै जो मैंने यहां कैंब्रिज में 1970 में की थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा मेरे ब्लैक होल क्षेत्रफल प्रमेय में भविष्यवाणी की गई थी अंतिम ब्लैक होल का क्षेत्रफल प्राथमिक ब्लैक होलों के क्षेत्रफलों के योग से ज्यादा होता है।’’ हॉकिंग ने कहा, ‘‘सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत की जांच करने के अलावा हम ब्रह्मांड के समूचे इतिहास में ब्लैक होल देखने की उम्मीद कर सकते हैं। संभव है कि हम सर्वाधिक चरम संभव उर्जाओं पर ‘बिग बैंग’ के दौरान अत्यंत प्राथमिक ब्रह्मांड के पुरावशेष भी देख सकते हैं।

(साभार: पीटीआई)