फ़ौजदारी क़ानून में तरमीम के लिए शिंदे की तमाम पार्टियों से तजावीज़ तलबी

नई दिल्ली, 01 जनवरी: (पीटीआई) अब जबकि 23 साला इस्मत रेज़ि का शिकार लड़की की मौत के बाद हालात चूँकि मुकम्मल तौर पर मामूल के मुताबिक़ नहीं हुए हैं , वहीं वज़ीर ए दाख़िला सुशील कुमार शिंदे तमाम सयासी जमातो को तहरीर करते हुए इस ज़िमन में सख़्त क़ानूनसाज़ी के लिए उनकी आरा के मुंतज़िर हैं।

ज़राए ने बताया कि शिंदे तमाम सयासी जमातों से इस बात के ख़ाहां हैं कि वो इस सिलसिला में अपने मश्वरे जस्टिस जी एस वर्मा कमेटी को रवाना करें जिसे हाल ही में तशकील दिया गया है ताकि इस्मत रेज़ि के वाक़ियात में मुलव्वस ख़ातियों को आजलाना सज़ाएं दी जा सके जिनमें सख़्त सज़ाएं भी शामिल हैं।

याद रहे कि दिल्ली में इस्मत रेज़ि के वाक़िया के बाद अपोज़ीशन ने दबाव डालना शुरू कर दिया था कि वज़ीर ए दाख़िला कल जमात इजलास तलब करते हुए इस मौज़ू पर जल्द से जल्द कोई हतमी फैसला करें। वर्मा कमेटी ने ना सिर्फ़ अवाम से इन्फ़िरादी तौर पर बल्कि मुख़्तलिफ़ एन जी औज़, ख़वातीन के ग्रुप्स और दीगर से जनवरी के पहले हफ़्ता में अपने मश्वरे और तजावीज़ पेश करने की ख़ाहिश की है ।

मज़कूरा कमेटी को हुकूमत ने 23 दिसंबर को क़ायम किया था और अंदरून एक माह अपनी रिपोर्ट पेश करेगी । मुल्क में मौजूदा फ़ौजदारी क़ानून में तरमीम के लिए कमेटी कोई मुतबादिल रास्ता ढूंढ निकालेगी ताकि मुतास्सरीन को आजलाना इंसाफ़ और ख़ातियों को सख़्त से सख़्त सज़ाएं दी जा सके। कमेटी के दीगर अरकान में जस्टिस (रीटायर्ड) लीला सेठ हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के साबिक़ चीफ जस्टिस और साबिक़ सॉलीसिटर जनरल आफ़ इंडिया गोपाल सुब्रामणियम शामिल हैं।

याद रहे कि अब तकरीबन हर सयासी गोशे से फ़ौजदारी क़वानीन में तरमीम का मुतालिबा शिद्दत इख़तियार करता जा रहा है जहां ख़ुसूसी तौर पर इस्मत रेज़ि के बढ़ते हुए वाक़ियात ने मर्कज़ी हुकूमत की बुनियादों को मुतज़लज़ल कर दिया है।

लिहाज़ा तवक़्क़ो है कि शिंदे के इस इक़दाम के मुसबत नताइज सामने आएंगे और जराइम के वाक़ियात में नुमायां कमी हो सकेगी।