अमेरिका में हिंदुस्तानी सिफ़ारत कार देवयानी खोबर गाड़े के साथ किए गए सलूक को मुजम्मत क़रार देते हुए मर्कज़ी वज़ीर शशी थरूर ने कहा कि अगर अमेरिका के बरताव में दोस्ताना जज़बा का कमी है तो फिर हिंदुस्तान केलिए भी अमेरिका के तई इसी जज़बा को यहां बरुए कार लाना मुश्किल होगा।
एक तक़रीब में उन्होंने इज़हार ख़्याल करते हुए कहा कि सिफ़ारती ताल्लुक़ात बड़े ही नाज़ुक होते हैं और इसका तमाम तर इन्हिसार(निर्भर) इस बात पर होता है कि आप जैसा रवैय्या इख़तियार करें, दूसरे से भी ऐसे रवैया की उम्मीद रखें। आप हमारे लिए कुछ करते हैं और हम आप केलिए कुछ करते हैं।
लिहाज़ा इन तमाम बातों में अगर ख़ुलूस और दोस्ताना जज़बा नदारद है तो फिर हमारे लिए (हिंदुस्तान) भी इस जज़बा को क़ायम-ओ-दाइम रखना मुश्किल होजाएगा। उन्होंने कहा कि देवयानी के साथ जो कुछ भी हुआ वो नाक़ाबिल-ए-क़बूल है। याद रहे कि शशी थरूर ख़ुद भी अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में एक सिफ़ारती ओहदेदार रह चुके हैं।
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका को ये देखना चाहिए कि हिंदुस्तान में अमेरिकी सिफ़ारत कारों के साथ कैसा दोस्ताना और फ़राख़दिलाना रवैया इख़तियार किया जाता है। हिंदुस्तान भी अपने सिफ़ारती ओहदेदारों के तईं अमेरिका से यकसाँ रवैया का ख़ाहिश है।
शशी थरूर ने अमेरिका के इस मौक़िफ़ को भी रद करदिया जहां उसने कहा था कि हिंदुस्तानी सिफ़ारत कार केलिए अमेरिकी ज़वाब के मुताबिक़ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने ऐसा किया है तो हम अपने सिफ़ारती ओहदेदार केलिए अमेरिकी ज़वाब के मुताबिक़ की जाने वाली कार्रवाई को नहीं मानते और यही वजह है कि हम ने यहां हिंदुस्तान में अमेरिकी सिफ़ारत कारों के ख़िलाफ़ इक़दामात किए हैं।