मर्कज़ी हुकूमत अगरचे पकवान गैस (एलपी जी) पर सारिफ़ीन को रास्त सब्सीडी मुंतक़िल करने में कामयाबी के दावे कररही हैं लेकिन इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आई ओ सी) ने कहा है कि तेल कंपनियों को वो रक़ूमात अदा नहीं की गई हैं जो उन्होंने एक जून से शुरू करदा इस स्कीम के तहत सारिफ़ीन को मुंतक़िल कररहे हैं।
आई ओ सी और दीगर तेल कंपनियां मुल्क के 54 जिले में 14.2 किलोग्राम के पकवान गैस सलनडर मार्किट क़ीमत पर हासिल करने वाले सारिफ़ीन को सब्सीडी के तौर पर 500 रुपये अदा कररहे हैं। दिल्ली में उसे एक गैस सलिंडर की क़ीमत 410 रुपये फ़ी सलिंडर की असल क़ीमत से दो गुना से भी ज़ाइद है लेकिन हुकूमत ने एक जनवरी से मुल्क के 289 जिले तक इस स्कीम को उसअत दी है।
इसके बावजूद आई ओ सी को हुकूमत की जानिब से सब्सीडी के तौर पर मुंतक़िल की जाने वाली रक़ूमात ताहम अदा नहीं की गई है। आई ओ सी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (एलपी जी) ए एन झा ने वज़ारत तेल को इस ज़िमन में 21 अगस्त को एक मकतूब रवाना किया है।
इस में कहा गया है कि ताहाल तेल फ़रोख्त करनेवाली कंपनियां सारिफ़ीन को रक़ूमात की रास्त मुंतक़ली स्कीम के तहत 188 करोड़ रुपये अदा करचुकी हैं लेकिन ये रक़म हुकूमत से उन्हें मौसूल नहीं हुई, जिस के साथ ही तक़सीम की जाने वाली रक़म मजमूई तौर पर 222 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है और ताहाल हुकूमत ने ये मुआमला अदा नहीं किया है।