एयर इंडिया के ड्रीम लाइनर तय्यारा में मौजूद मुसाफ़िरों को उस वक़्त काफ़ी मुश्किलात से गुज़रना पड़ा जब नई दिल्ली से न्यूयार्क जाने वाले मुसाफ़िरों को आई जी आई अर पोर्ट पर तय्यारा के अंदर 6 घंटे तक मजबूर होना पड़ा।
गुजिश्ता निस्फ़ रात को मुसाफ़िर तय्यारा में सवार हुए थे लेकिन तय्यारा सुबह 6.30 बजे रवाना हुआ जबकि इस दौरान मुसाफ़िर की बेचैनी दूर करने एयर इंडिया अमला ने कोई ऐलान भी नहीं किया और ना ही उन्हें कोई तसल्ली बख्श जवाब दिया। तय्यारा के एक मुसाफ़िर ने बताया कि तय्यारा रात एक बजे परवाज़ करने वाला था लेकिन बिलआख़िर 6.30 बजे रवाना हुआ और इस तरह 6 घंटों तक मुसाफ़िर को तय्यारा में ही रुकने पर मजबूर होना पड़ा।
मुसाफ़िर को तय्यारा से उतरने की इजाज़त भी नहीं दी गई। मुसाफ़िर का कहना है कि अगर तय्यारा को सुबह रवाना करना था तो मुसाफ़िर को एक घंटा क़बल तय्यारे पर सवार करना चाहिए था जबकि दूसरी तरफ़ एयर इंडिया के तर्जुमान ने बताया कि तय्यारा के एक पायलट की जब गुजिश्ता रात तिब्बी जांच की गई तो उसे बुख़ार में पाया गया।
नई दिल्ली से न्यूयार्क की उड़ान 16 घंटे तवील है। लिहाज़ा शहरी हुआ बाज़ी के ज़वाबत के मुताबिक़ पायलट को तवील उड़ान की इजाज़त नहीं दी गई। दूसरे पायलट का इंतिज़ाम करने में वक़्त लग गया जिस से मुसाफ़िर को मुश्किलात का सामना करना पड़ा। आम तौर पर पायलटस के मुतबादिल को तलब किया जाता है लेकिन इससे तय्यारों की परवाज़ के निज़ाम पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि कल पायलट के मुतबादिल की लम्हा आख़िर में ज़रूरत पेश आई थी लिहाज़ा तय्यारा मुक़र्ररा वक़्त पर परवाज़ नहीं करसका।
एयर इंडिया तर्जुमान ने एक और वज़ाहत की कि अमेरिका जाने वाले तमाम तय्यारों के मुसाफ़िर की दीगर मुसाफ़िर की बनिसबत जांच पड़ताल सख़्ती से की जाती है और तमाम मुसाफ़िर इसी सख़्त जांच पड़ताल से गुज़र कर तय्यारा तक पहुंचे थे और उन्हें तय्यारा से दुबारा उतरने की इजाज़त दी जाती तो सेक्योरिटी को ख़तरा लाहक़ होसकता था।